छत्तीसगढ़
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छग विधानसभा : जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा विधायक कौशिक ने की ईडी से जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र के आज मंगलवार काे दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नकाल में भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया । बिल्हा से भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने अपात्र ठेकेदारों को टेंडर जारी करने का मुद्दा उठाया।

कौशिक ने पूछा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत किन किन ठेकेदारों और संस्थाओं के खिलाफ किस आधार पर नोटिस जारी किया गया।धरमलाल कौशिक ने कहा कि भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई, लेकिन सिर्फ अनुबंध निरस्त हुआ है। फर्जी कूटरचित दस्तावेज के आधार पर अरबों का काम लिया गया। ऐसे में ब्लैकलिस्ट करना ही काफी नहीं है। उन्होंने ईडी से जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। धरमलाल कौशिक के सवालों पर घिरे मंत्री अरुण साव ने कहा कि जांच समिति जांच कर रही है। रिपोर्ट आएगी तो कठोर करवाई होगी।

सवाल का जवाब देते हुए लोक निर्माण विभाग के मंत्री अरुण साव ने बताया कि पिछले दाे साल में जलजीवन मिशन के काम के लिए ठेकेदारों को नोटिस जारी किया गया। कार्य में धीमी गति, कार्य में लेट लतीफी, अनुबंध में शेष बचे काम के लिए, कूटरचित दस्तावेज पेश करने के लिए 13 अलग-अलग बिंदू में 18 नोटिस जारी किए गए। ठेकेदार के खिलाफ 72 शिकायत मिली।उन पर कार्रवाई की गई। ठेकेदार का अनुबंध रद्द किया गया।गुणवत्ताविहीन कार्यों को तोड़ा गया एवं एजेंसी को अपात्र घोषित किया गया है। पिछले दाे साल में फर्जी दस्तावेज दिखाने वाले संस्थाओं को 26 नोटिस जारी किया गया, निविदा के लिए अपात्र भी घोषित किया। जवाब से असंतुष्ट धरमलाल कौशिक ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जांच की गई। भ्रष्टाचार की शिकायत सही पाने पर सिर्फ अनुबंध निरस्त किया गया और उसके बाद भुगतान किया गया। मंत्री से सवाल है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ों-अरबों का काम लिया गया। इस बात को स्वीकार किया गया है, कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आपके अधिकारियों ने जानबूझकर काम दिया , उनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं किया। यह 100 करोड़ का मामला है ये ईडी का मामला है, ब्लैकलिस्ट के बाद भी पेमेंट क्यों किया गया।

मंत्री अरुण साव ने जवाब में कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र से काम पाने के बाबत् में जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति जो भी निर्णय लेगी उसके अनुसार काम किया जाएगा। यदि एफआईआर करने को कहा जाएगा तो वो भी किया जाएगा। जल जीवन मिशन में कोई भी लापरवाही करेगा तो उसे कठोरतम सजा दी जाएगी।

स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर प्रश्न -स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों को लेकर कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल किया। चंद्राकर ने लोकनिर्माण विभाग के मंत्री से सवाल पूछा कि कितने कार्य की पुनरीक्षत स्वीकृत हुई। इस पर अरुण साव ने पहले सदन में सवाल पढ़कर सुनाया। अरुण साव ने जवाब दिया कि 230 में से 56 कार्यों को पुनरीक्षत स्वीकृत की गई।

विधायक अजय चंद्राकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी के कामकाज का मुद्दा उठाते हुए एक के बाद एक कई सवाल दागे। उन्होने परिशिष्ठ में दिए गए जानकारियों पर सवाल उठाया। प्रगतिरत सूची में 100 प्रतिशत पूर्ण कामों के नाम दिए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा। मंत्री साव ने कहा कि वह भौतिक प्रगति का है, अभी भुगतान नहीं हुआ है। चंद्राकर ने पूछा कि रायपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कितने कार्यों की कितनी बार पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई? मंत्री साव ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि 230 कार्यों में 56 कार्यों को पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। अजय चंद्राकर के पूरक सवालों पर मंत्री साव जवाब नहीं दे सके और बाद में जानकारी देने की बात कही। अजय चंद्राकर ने फिर पूछा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चौबीसों घंटे पानी देने का प्लान है। 2016 से यह परियोजना लागू है। इसे कब तक पूरा किया जाएगा। कितने घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। अभी कितना प्रतिशत काम पूरा हुआ है। मंत्री ने कहा कि 24 घटों पानी देने की योजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 2016 से शामिल है। इसके लिए 158.59 करोड़ की राशि स्वीकृत है। कार्यादेश 31 मार्च 2022 को जारी किया गया है। आज की तिथि में 109.61 खर्च हुआ है। 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

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