
छत्तीसगढ़ विधानसभा : ध्यानाकर्षण में नेता-प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने जैव विविधता से जुड़ा मुद्दा उठाया
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार काे सदन में ध्यानाकर्षण में नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने जैव विविधता से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए प्रदेश में काम नहीं होने की बात कही। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने वेटलैंड के अंदर अवैध कब्जा को लेकर सवाल किया। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने मंत्री केदार कश्यप को जैव विविधता पर विशेषज्ञों के साथ कार्यशाला कराने का निर्देश दिया।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने ध्यानाकर्षण में कहा कि जैव विविधता यह अंतरराष्ट्रीय विषय है। लेकिन छत्तीसगढ़ में इस दिशा में किसी तरह का कोई कार्य नहीं दिखता। जैव विविधता पंजी तैयार नहीं हुआ। वेटलैंड स्थलों पर कार्य नहीं हुआ है। इससे प्रकृति प्रेमियों में आक्रोश व्याप्त है।

मंत्री केदार कश्यप ने जवाब में कहा कि जैव विविधता को लेकर सरकार गम्भीर है। 12 हजार 8 स्थानीय निकायों में जैव विविधता पंजी तैयार की जा चुकी है। ग्राम पंचायतों में काम हो रहा है। इस दिशा में प्रगति कार्य जारी है, वेटलैंड स्थलों पर काम जारी है।
इस पर महंत ने कहा कि जैव विविधता के अंतर्गत कौन-कौन से जीव जंतु पाए जाते हैं इसकी जानकारी पंचायतों में नहीं है। मुझे तो अपने पंचायत की भी जानकारी नहीं है। सच्चाई यह कि पंचायतों में पंजी तैयार ही नहीं है। विधायकों के पास भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं होगी, उनके विधानसभा क्षेत्रों में पंचायतों में काम हुआ है या नहीं।
मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 10 हजार से अधिक पंजी तैयार हैं। इसमें सभी चीजों की जानकारी है। जैव विविधता से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध हैं।
महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों में कितने रजिस्टर हैं ? क्या मंत्रियों को इसकी जानकारी है क्या? मैं पूर्व आईएएस और वित्तमंत्री ओपी चौधरी से भी यही पूछ रहा हूँ। उनके पास इससे जुड़ी जानकारी है तो उपलब्ध करा दें। लेकिन कोई नहीं करा पाएगा, क्योंकि काम ही नहीं हुआ। उन्हाेंने विधानसभा अध्यक्ष से इस पर व्यापक चर्चा कराने की मांग की।
मंत्री कश्यप ने कहा कि आगामी दिनों में सभी विधायकों के लिए इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन कराया जाएगा। इसमें विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि वेटलैंड के अंदर अवैध कब्जा को हटाया जाएगा क्या? महंत ने कहा कि जैम पोर्टल का जैव विविधता में क्या काम? उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करते हुए कहा कि मैं चाहता हूँ कि आगामी सत्र में इसमें चर्चा होनी चाहिए। विस अध्यक्ष ने मंत्री को विशेषज्ञों के साथ कार्यशाला कराने का निर्देश दिया।