
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय को दी श्रद्धांजलि, शिक्षा और पारदर्शी भर्ती पर दिया जोर
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती: प्रेरणा, उत्कृष्टता और सुशासन का संगम
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!श्रद्धांजलि और अंत्योदय का संकल्प-देहरादून के दीनदयाल पार्क में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के पावन अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस गरिमामयी अवसर पर मुख्यमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के विचार को आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में इस जन-कल्याणकारी विचार को साकार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से उत्तराखंड के शिक्षा विभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया, जो राज्य के युवाओं के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और अवसरों की पहुँच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
शैक्षिक उत्कृष्टता को सम्मान: ‘पंडित दीनदयाल शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार’-मुख्यमंत्री धामी ने इस कार्यक्रम के दौरान ‘पंडित दीनदयाल शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार’ के बारे में जानकारी दी, जो शिक्षा के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्रों और समर्पित शिक्षकों को प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने सभी सम्मानित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को उनकी इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं। मुख्यमंत्री का मानना है कि यह पुरस्कार न केवल सम्मानित व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, बल्कि राज्य भर में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और प्रतिभाशाली युवाओं तथा शिक्षकों को निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समर्पण को बढ़ावा देने के सरकार के संकल्प को रेखांकित करती है।
भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर प्रहार-मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में राज्य में पिछले चार वर्षों में संपन्न हुई लगभग 25,000 नियुक्तियों की पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता को भंग करने या इसमें बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि परीक्षा केंद्रों या परीक्षा से जुड़े किसी भी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसने अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया है। नकल करने वालों या इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी।
प्रशासन और समाज के लिए पंडितजी का मार्गदर्शक संदेश-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात पर बल दिया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किए गए आदर्श और सिद्धांत केवल शिक्षा के क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें प्रशासन, समाज और जीवन के हर पहलू में आत्मसात किया जाना चाहिए। उन्होंने पं. उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के मूल मंत्र को दोहराया, जिसका अर्थ है समाज के सबसे कमजोर और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान और विकास। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से इन महानुभाव के विचारों को अपने जीवन में उतारने और समाज में एक सकारात्मक एवं प्रगतिशील बदलाव लाने के लिए मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। यह संदेश सामूहिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
