
उत्तराखंड में आपदा का कहर: सीएम धामी का एक्शन मोड!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सीधे ज़मीनी हकीकत से जुड़ाव: सीएम ने सुनी प्रभावितों की पुकार-उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जैसे जिलों में बादल फटने की दुखद घटनाओं के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत ही प्रभावित इलाकों के जिलाधिकारियों से सीधे संपर्क साधा। उन्होंने फोन पर ही अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने के सख्त निर्देश दिए। सीएम ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहली प्राथमिकता है और हालात पर लगातार पैनी नज़र रखी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासन को हर पल सतर्क रहना होगा।
आपदा प्रबंधन की अति-आवश्यक बैठक: लिए गए अहम फैसले-मुख्यमंत्री आवास पर एक उच्चस्तरीय आपदा प्रबंधन बैठक बुलाई गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक सुविधाओं को तुरंत बहाल किया जाए। चाहे वह सड़कें हों, बिजली की आपूर्ति हो या फिर पानी की व्यवस्था, किसी भी सेवा में लंबा व्यवधान नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि राहत कार्य सिर्फ कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि ज़मीन पर भी तेज़ी से नज़र आने चाहिए।
वर्चुअल संवाद से लिया जायजा: जिलों की स्थिति पर सीधी नज़र-बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी जिलों के अधिकारियों से सीधे जुड़कर हालात का पूरा जायजा लिया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की प्रगति के बारे में पूछा और यह जाना कि किन जगहों पर कठिनाइयाँ आ रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि जहाँ भी अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो, वहाँ तुरंत संसाधन भेजे जाएं ताकि स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
बुनियादी सुविधाओं की बहाली पर विशेष ध्यान-मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में सड़क, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को जल्द से जल्द ठीक किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि बारिश के कारण कोई रास्ता अवरुद्ध हुआ है, तो उसे तुरंत खोला जाए। पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में, तत्काल वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जाएं ताकि स्थानीय निवासियों को परेशानी न हो।
पूरे मानसून पर कड़ी निगरानी: अलर्ट मोड ऑन!-इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार और पूरा प्रशासन आगामी पूरे मानसून सीजन के दौरान पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहेगा। उन्होंने कहा कि बादल फटने और भारी बारिश जैसी स्थितियाँ अचानक बिगड़ सकती हैं, इसलिए हर समय तैयार रहना आवश्यक है। प्रशासन को लगातार हालात पर नज़र रखनी होगी और किसी भी परिस्थिति में राहत कार्यों में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।
मुआवजे में देरी नहीं, पीड़ितों को मिले पूरा हक-मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने में किसी भी प्रकार की देरी न की जाए। मुआवजा पूरी तरह से निर्धारित मानकों के अनुसार दिया जाए और इसका भुगतान शीघ्र अति शीघ्र हो। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की जिम्मेदारी केवल राहत पहुंचाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रभावित परिवारों को यह विश्वास दिलाना भी है कि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
संसाधनों की उपलब्धता: जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद-मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यदि किसी जिले को राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त संसाधनों, मशीनरी या किसी अन्य प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो उसे बिना किसी देरी के उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा के समय हर मिनट कीमती होता है और प्रशासन को हर पल का सही उपयोग करना चाहिए।

