
श्री दिलीप इसरानी का कहना है कि यह भवन केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि सिंधी संस्कृति की संरक्षण और भावी पीढ़ी की मजबूत नींव होगा। उन्होंने कहा, “हमारी पहचान, हमारी एकता और हमारी विरासत को सहेजने का यह सबसे उचित माध्यम है। मैं चाहता हूं कि समाज के हर सदस्य का सहयोग मिले और यह भवन शीघ्र ही साकार हो।”भूमिपूजन कार्यक्रम 2 दिसंबर 2025 को सुबह विधि-विधान से होगा। प्रसिद्ध पंडित सोनू शर्मा के नेतृत्व में पूजा-अर्चना की जाएगी। कार्यक्रम में सिंधी साहित्य बिरादरी मंडल के सभी पदाधिकारी, वरिष्ठ सदस्य, समाज के गणमान्य व्यक्ति और शहर के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित रहेंगे। आयोजन को भव्य और यादगार बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।सिंधी साहित्य बिरादरी मंडल के सदस्यों ने श्री दिलीप इसरानी की इस दूरगामी सोच वाली पहल का हार्दिक स्वागत किया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि अध्यक्ष जी के नेतृत्व में समाज नई ऊंचाइयों को छुएगा। सभी ने भवन निर्माण में हर संभव आर्थिक व भौतिक सहयोग देने का वादा किया है।यह परियोजना रायपुर में रह रहे सिंधी समुदाय के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। आने वाले समय में यह भवन न केवल सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र होगा, बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का सशक्त माध्यम भी बनेगा। 2 दिसंबर का दिन सिंधी समाज के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

