
बाढ़ के बाद पंजाब में बीमारियों का साया: डेंगू से लेकर स्वाइन फ्लू तक, जानिए क्या है खतरा?-पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ ने जहाँ तबाही मचाई, वहीं अब इसके बाद बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है। खासकर अमृतसर के धारीवाल कलेर गांव से अफ्रीकी स्वाइन फ्लू फैलने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। यह बीमारी सूअरों के लिए बेहद घातक है और इंसानों में भी फैल सकती है, इसलिए प्रशासन ने तुरंत कमर कस ली है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद चारों तरफ फैली गंदगी और जमा हुआ पानी मच्छरों और अन्य कीटाणुओं के पनपने के लिए एकदम सही माहौल बना देते हैं, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियाँ भी तेजी से फैल सकती हैं। यही कारण है कि प्रशासन हर गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए हुए है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!धारीवाल कलेर बना ‘संक्रमित जोन’: सूअरों और मांस पर लगी रोक-अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए, धारीवाल कलेर गांव को प्रशासन ने ‘संक्रमित जोन’ घोषित कर दिया है। इसके तहत, गांव के एक किलोमीटर के दायरे को पूरी तरह से संक्रमित क्षेत्र माना गया है, जबकि एक से दस किलोमीटर तक के इलाके को ‘निगरानी जोन’ में रखा गया है। इस दौरान, इन इलाकों में किसी भी तरह के जीवित या मृत सूअर, सूअर का मांस या उससे बने किसी भी उत्पाद को लाने-ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। अधिकारियों का साफ कहना है कि अगर इन नियमों का उल्लंघन हुआ तो यह खतरनाक बीमारी दूसरे इलाकों में भी फैल सकती है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
प्रशासन की कड़ी निगरानी और लोगों से सहयोग की अपील-इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए, अतिरिक्त उपायुक्त रोहित गुप्ता ने पशुपालन विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे लागू किए गए नियमों का कड़ाई से पालन करवाएं। साथ ही, स्थानीय निवासियों से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। प्रशासन का मानना है कि लोगों के सहयोग और सख्त नियमों के पालन से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। यदि कहीं भी लापरवाही बरती गई, तो इसका असर पड़ोसी जिलों में भी देखने को मिल सकता है। इसीलिए, निगरानी जोन में लगातार टीमें भेजी जा रही हैं ताकि वहां की स्थिति का जायजा लिया जा सके।
डेंगू का बढ़ता प्रकोप: मच्छर जनित बीमारियों से बचाव जरूरी-अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के अलावा, पंजाब के कई जिलों में डेंगू के मामले भी चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार उन इलाकों का दौरा कर रही हैं जहाँ बाढ़ का पानी जमा हुआ था। इन जगहों पर मच्छरों के लार्वा की जांच की जा रही है और मिलते ही उन्हें नष्ट करने के लिए दवा डाली जा रही है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने आसपास पानी जमा न होने दें, अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, और समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें। मच्छरों से बचाव के उपाय जैसे कि पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना और मच्छरदानी का उपयोग करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
सावधानी ही सुरक्षा: आपकी भागीदारी से ही होगा बचाव-विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास तभी सफल हो सकते हैं जब आम जनता भी पूरी जिम्मेदारी के साथ सावधानी बरते। साफ-सफाई का ध्यान रखना, शुद्ध पेयजल का सेवन करना, मच्छरों से बचाव के सभी संभव उपाय करना और किसी भी संक्रमित क्षेत्र में अनावश्यक रूप से जाने से बचना, ये सभी कदम बीमारियों से सुरक्षित रहने के लिए बेहद जरूरी हैं। सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अंततः अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी हर एक व्यक्ति की अपनी है। आपकी थोड़ी सी सावधानी बड़े खतरे को टाल सकती है।

