दिल्ली
Trending

delhi pollution  :  ड्रोन से होगी वायु प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरिया एवं इकाइयों की पहचान 

 नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली के रिहायशी इलाकों में अवैध रूप से चलने वाली जींस रंगाई की फैक्ट्री, रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) प्लांट और इलेक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयों पर गाज गिरेगी। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) अवैध फैक्ट्री और इकाइयों को लेकर ड्रोन से सर्वे कराने की तैयारी कर रहा है। औद्योगिक प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की पहचान करने के बाद इन पर कार्रवाई कर जल्द बंद किया जाएगा।

सर्वे तुखमीरपुर, करावल नगर, गोकुलपुरी, गाजीपुर, आली विहार और मीठापुर समेत 17 प्रदूषण के प्रमुख हॉटस्पॉट के साथ इनके आसपास के इलाके में होगा, जहां अवैध डाइंग इकाइयों और जींस वॉशिंग इकाइयों का संचालन होता है। अभी सर्वे 15 दिन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप किया जाएगा। इसमें ड्रोन-आधारित ऑर्थो-रेक्टीफाइड इमेजरी (ओआरआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की ऊंचाई से तस्वीर लेगा।

दिल्ली पिछले 10 से 15 वर्ष से गंभीर वायु व जल प्रदूषण से जूझ रही है। इससे यमुना नदी भी प्रदूषित हो रही है। ऐसे में यह सर्वे अधिकारियों के लिए जमीनी स्तर की कार्रवाइयों की योजना बनाने और उनका मूल्यांकन करने के लिए बेहतर माना जा रहा है। इसमें ड्रोन लगभग 45-60 मिनट की अवधि के लिए उड़ान भरेगा। इसकी दृश्यता सीमा 3-5 किमी तक होगी और 750 फीट की ऊंचाई तक जाएगा। इसमें 17 ड्रोन का इस्तेमाल होगा।

डीपीसीसी का कहना है कि चोरी-छिपे चल रहीं अवैध औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषण ने वायु व जल की गुणवत्ता को खराब करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके लिए डीपीसीसी ने निविदा जारी की है। इसके तहत इच्छुक एजेंसियों को निर्धारित समय के भीतर अपने प्रस्ताव में ड्रोन योजना, मसौदा स्क्रिप्ट, कार्य योजना, मसौदा डिजाइन प्रस्तुत करना है। वहीं, ड्रोन द्वारा एकत्रित तस्वीर और डेटा को डीपीसीसी को ऑनलाइन देना है।

डीपीसीसी का कहना है कि कई क्षेत्रों में जींस डाइंग यूनिट, आरएमसी और इलेक्ट्रोप्लेटिंग जैसी औद्योगिक इकाइयों के संचालन के बारे में विभिन्न शिकायतें मिली हैं। ऐसी इकाइयों पर कार्रवाई करने के लिए डीपीसीसी समय-समय पर संयुक्त सर्वेक्षण कर अभियान चलाती है। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन-आधारित मानचित्रण नवीनतम स्थानिक डेटा बेस विकसित करने में मदद कर सकता है। ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) शहर नियोजन और विकास, डेटा संग्रह, शहर मॉडलिंग, मानचित्रण और स्थानिक विश्लेषण के लिए एक तकनीक के रूप में उभर रहे हैं। ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण प्रदूषण के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान के लिए सहायक हैं।

17 हॉटस्पॉट पर होगा सर्वे :

डीपीसीसी के मुताबिक 17 हॉटस्पॉट पर  सर्वे हाेगा जिसमें  तुखमीरपुर, करावल नगर, गोकुल पुरी, गाजीपुर, आली विहार और मीठापुर, विकासपुरी, नंगली सकरावती, मटियाला, बिंदापुर, किराड़ी, रिठाला, स्वरूप नगर, मुकुंदपुर, बूढ़पुर, अलीपुर, ख्याला और विष्णु गार्डन समेत निकटवर्ती क्षेत्र शामिल है।

 

DIwali Offer

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
दुनिया के कुछ सबसे सस्ते देश जहां आप इस सर्दी जा सकते हैं घुमने सर्दियों में अपने स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग रखे कैसे दुनिया की कुछ शांत और सौम्य कुत्तों की नस्लें सुषमा के स्नेहिल सृजन – नाचे मोर