आरजी कर मामले की सुनवाई पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग खारिज
- सीबीआई को चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से रेप एवं हत्या के मामले की सुनवाई पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में आरोप तय हो चुके हैं। कोर्ट ने सीबीआई को चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेशनल टास्क फोर्स ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर सुझाव दिए हैं। कोर्ट ने इन सुझावों पर राज्य सरकारों को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इससे पहले 15 अक्टूबर को सीबीआई ने बताया था कि इस मामले में आरोपित संजय राय के खिलाफ 7 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। सीबीआई मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता की भी जांच कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था, जिसे डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और काम के लिए सुविधानक माहौल बनाने को लेकर अपने सुझाव देने हैं। टास्क फोर्स के सदस्यों में वाइस एडमिरल सर्जन आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रेड्डी, एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. एम श्रीवास, निमहंस बैंगलुरु के डॉ. प्रतिमा मूर्ति, एम्स जोधपुर के डायरेक्टर डॉ. पुरी, गंगाराम अस्पताल के एमडी डॉ. रावत, एक्स के कार्डियोलॉजी के प्रमुख प्रो. अनिता सक्सेना, मुंबई मेडिकल कॉलेज के डीन प्रो. पल्लवी सप्रे और एम्स के न्यूरोलॉजी डॉ. पद्मा श्रीवास्तव हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन नौ नामों के अलावा टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के गृह सचिव, परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, नेशनल मेडिकल कमीशन के चेयरपर्सन और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के अध्यक्ष को पदेन सदस्यों के रूप में शामिल किया है।