
उत्तराखंड-यूपी संपत्ति विवाद: सुलह की ओर बढ़ते कदम!-उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच लंबे समय से चले आ रहे संपत्ति विवादों के समाधान की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया गया और कई अहम निर्णय लिए गए। आइए, जानते हैं इस बैठक में क्या हुआ और आगे क्या होगा।
यूपी के साथ सीधी बातचीत-मुख्यमंत्री धामी ने यूपी के अधिकारियों के साथ सीधी बातचीत शुरू करने का निर्देश दिया है। पहले से सहमति वाले मुद्दों पर तेज़ी से काम होगा। सरकार का लक्ष्य है कि ये विवाद जल्द से जल्द खत्म हों और दोनों राज्यों के बीच बेहतर संबंध स्थापित हों।
योगी आदित्यनाथ से मुलाकात-मुख्यमंत्री धामी जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में दोनों राज्यों के बीच बचे हुए सभी विवादों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम किया जा सके।
वॉटर स्पोर्ट्स को मिली मंजूरी-ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार में जलाशयों और नहरों में वॉटर स्पोर्ट्स की अनुमति दे दी गई है। यह कदम दोनों राज्यों के बीच बेहतर संबंधों और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है, जिससे दोनों राज्यों को आर्थिक लाभ भी होगा।
बकाया भुगतान-यूपी ने उत्तराखंड को बिजली बिल के रूप में 57.87 करोड़ रुपये का बकाया चुका दिया है। मत्स्य विभाग ने भी 3.98 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया है। यह दोनों राज्यों के बीच बढ़ते विश्वास और बेहतर संबंधों का प्रतीक है।
अन्य मामलों में प्रगति-वन विकास निगम और परिवहन निगम से जुड़े मामलों में भी अच्छी प्रगति हुई है। आवास विकास परिषद की संपत्तियों को लेकर भी समाधान निकाला जा चुका है। इससे दोनों राज्यों के बीच लंबित कई मुद्दों का समाधान निकल पाएगा।
उच्च स्तरीय बैठक-इस बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल समेत कई आला अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने मिलकर बचे हुए मुद्दों पर चर्चा की और समाधान के रास्ते तलाशे। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच लंबे समय से चले आ रहे संपत्ति विवादों के समाधान की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों राज्यों के बीच बढ़ते तालमेल से भविष्य में और भी कई समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा।