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क्या तनुश्री दत्ता की बीमारी ने खोला एक बड़ा सवाल? जानें Chronic Fatigue Syndrome का सच

 तनुश्री दत्ता का वायरल वीडियो और क्रॉनिक थकान सिंड्रोम की सच्चाई-हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे भावुक होकर अपनी मुश्किलों के बारे में बता रही हैं। उन्होंने बताया कि 2018 से वे पारिवारिक समस्याओं और क्रॉनिक थकान सिंड्रोम (CFS) नामक बीमारी से जूझ रही हैं। इस वीडियो ने लोगों में CFS के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ा दी है। आइए, इस बीमारी को समझते हैं।

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क्रॉनिक थकान सिंड्रोम: क्या है ये जानलेवा थकान?-क्रॉनिक थकान सिंड्रोम, जिसे मेडिकल भाषा में मायलगिक एन्सेफेलोमायलाइटिस (ME) भी कहते हैं, एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को लगातार और असामान्य थकान महसूस होती है। ये थकान इतनी गंभीर होती है कि रोज़मर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है, यहाँ तक कि बिस्तर से उठना भी। आराम करने या सोने के बाद भी थकान कम नहीं होती, बल्कि कई बार शारीरिक या मानसिक काम के बाद और भी बढ़ जाती है। इसीलिए इसे सिस्टेमिक एक्ज़रशन इंटॉलरेंस डिज़ीज़ (SEID) भी कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करती है। यह समझना ज़रूरी है कि यह सिर्फ़ थकान नहीं, बल्कि एक जटिल बीमारी है जिसके कई लक्षण हो सकते हैं।

 पहचानें CFS के लक्षण: कब करें डॉक्टर से सलाह?-CFS के लक्षण कई तरह के और लंबे समय तक रह सकते हैं। सबसे प्रमुख लक्षण है छह महीने से ज़्यादा समय तक चलने वाली थकान, जो आराम करने के बाद भी नहीं जाती। इसके अलावा, नींद न आना, बार-बार सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, आँखों में धुंधलापन, मूड स्विंग्स, और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई बार गर्दन या बगल में सूजे हुए लिम्फ नोड्स, पाचन समस्याएँ, और ठंड लगना भी हो सकता है। अगर आपको ये लक्षण दिख रहे हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। समय पर इलाज से आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

 क्या हैं CFS के कारण और जोखिम कारक?-डॉक्टरों का मानना है कि CFS का कोई एक खास कारण नहीं है, लेकिन कई कारक इसके पीछे हो सकते हैं। ज़्यादा तनाव, कमज़ोर इम्यून सिस्टम, लो ब्लड प्रेशर, और आनुवंशिक कारण इस बीमारी से जुड़े हो सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि महिलाओं में यह बीमारी ज़्यादा होती है, खासकर 40 से 60 साल की उम्र के बीच। अगर आपके परिवार में किसी को पहले से ही यह बीमारी रही हो, तो आपके भी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आप जोखिम में हैं, तो अपनी सेहत का ध्यान रखना और नियमित चेकअप कराना ज़रूरी है।

 CFS का इलाज और प्रबंधन: कैसे पाएँ राहत?-फिलहाल, CFS का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के कई तरीके हैं। डॉक्टर आमतौर पर अच्छी नींद, तनाव कम करना, हल्की व्यायाम, और संतुलित आहार लेने की सलाह देते हैं। कुछ मामलों में, दर्द और नींद की समस्याओं के लिए दवाइयाँ भी दी जा सकती हैं। याद रखें, CFS एक जटिल बीमारी है, और इसका इलाज व्यक्तिगत होता है। इसलिए, किसी भी उपचार शुरू करने से पहले, अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। समय पर पहचान और सही देखभाल से आप इस बीमारी को मैनेज कर सकते हैं और अपनी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं।

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