नुक्कड़ नाटक के जरिए आटो/ई-रिक्शा चालकों को दी गई समझाईस
रायपुर। शहर के एम.एम.आई चौक ब्रिज के नीचे एवं अमलीडीह में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नाबालिक बच्चों, तीन सवारी व मोबाईल से बात करते हुए वाहन चलाने पर होने वाले दुर्घटना के बारे में समझाया गया, यातायात नियमों की दी गयी जानकारी, पालन करने किया गया अपील सड़क सुरक्षा माह 2024 के पंद्रहवें दिन यातायात पुलिस रायपुर द्वारा रायपुर शहर के रेलवे स्टेशन परिसर में आटो/ई-रिक्शा चालक एवं अन्य नागरिकों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया कि रायपुर शहर आपका है, शहर की यातायात व्यवस्था के आप अभिन्न अंग हो, बाहर से आने वाले लोग आपसे ही इस शहर की दिशा और दशा को समझते है। हम देखते है कि चौक चौराहों पर आप लोगों के द्वारा सवारी के इंतजार में किस प्रकार अव्यवस्था बनाया जाता है इससे रायपुर शहर के परिवहन व्यवस्था खराब होने का संदेश लोगों में जाता है। आप लोग यदि शहर की व्यवस्था को ठीक करने में अपनी भागीदारी देना चाहते है तो आज से प्रण कर लें कि यातायात नियमों का पालन कर वाहन चलाएंगे। आपके कारण से दूसरों को असुविधा न हो या दुर्घटना का शिकार न होना पड़े।
यह भी बताया गया कि शहर की स्वच्छता में भी आपकी भागीदारी होनी चाहिए, जिम्मेदारी होनी चाहिए, गुटका खाकर कहीं भी थूक देते है, जो शहर के नागरिकों की खराब छबि एवं व्यवहार को प्रदर्शित करता है। दुर्घटना होने पर हम घायलों को छोड़कर भाग जाते है। हम अच्छा नागरिक तभी बन पाएंगे जब पीडि़त की जान बचाने में अपना सहयोग देकर उसे हास्पिटल तक पहुॅचा दें। सरकार ने भी ऐसे गुड सेमेरिटन को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग करने वाले व्यक्ति को कानूनी बंधनों से मुक्त रखा है। उसके बगैर मर्जी के पुलिस किसी प्रकार पूछताछ नही करेगी। यात्री वाहनों में किसी का समान छूट जाता है तो उसे नजदीकी पुलिस स्टेशन या यातायात थाने में जाकर जमा करें।
एमएमआई चौक एवं अमलीडीह में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वाहन चालकों, नागरिकों को बताया गया कि नाबालिक बच्चों में नये चीजों को जानने की जिज्ञासा, ललकता अधिक होती है। घरों में वाहन उपलब्ध होने से बच्चे कम उम्र में ही वाहन सीखने का प्रयास करते है, पालक भी सहजता से बच्चो को कम उम्र में वाहन चलाना सीखाते है। पालकों को लगता है कि बच्चें वाहन चलाना सीख जाएंगे तो स्कूल, ट्यूशन, कोचिंग व घरेलू अन्य कार्यो के दौरान काम आयेगा। पालकों का यह ध्येय बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। आज मोटरगाड़ी बनाने वाले विभिन्न कंपनियॉ प्रतिस्पर्धा में विभिन्न प्रकार के तेज रफ्तार फर्राटेदार चलने वाली स्पोर्टर्स बाईक एवं चारपहिया वाहन निकाल रही है। नाबालिक बच्चे वाहन चलाना सीखने के बाद पालक की अनुमति या बिना अनुमति के घरों में रखे वाहनों को सड़क पर तेजगति से फर्राटेदार स्टंट कर चला रहे है। वर्तमान में सड़कों पर यातायात का दबाव अत्यधिक है। बच्चों में आने वाले खतरों को भापने की क्षमता कम होती है तथा जिज्ञासा और जोश में प्रतिस्पर्धा करने लगते है।
18 वर्ष से कम उम्र के इंसान का दिमाग वाहन चालन के लिए परिपक्व नही होता है भले ही वह अच्छे से वाहन चलाना जानता हो परंतु विपरित परिस्थिति में संभावित दुर्घटना के समय या त्वरित अवरोध आ जाने पर तत्काल वाहन को संभालने में सक्षम नही होता है। कई बार शैक्षणिक कार्य हेतु विद्यालय एवं कोचिंग क्लासेस जाने समय के अभाव या बच्चों के जिद के आगे अभिभावक बच्चों को बिना लायसेंस के ही भारी-भरकम मोटर सायकल चलाने दे देते है। कम उम्र में आ रहे हार्मोन्स के बदलाव के कारण आपसी प्रतिस्पर्धा और दिखावे के लिए तीन सवारी बिठाकर तेज रप्तार से वाहन चलाने या खतरनाक स्टंट से भी बच्चे नही कतराते है या लायसेंस होने के बाद भी नाबालिक बिना हेलमेट, ट्रिपल राईडिग करते है जिसके कारण खतरनाक सड़क दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी रहती है। बच्चों के हाथों में सौपें गये वाहन उनके लिए खतरनाक एवं जानलेवा बन गया है। कई बार ऐसे सड़क दुर्घटनाए घटित होती है जिसे अभिभावक या समाज को सहन कर पाना या हुए नुकसान की भरपाई कर पाना संभव नही होता है । मोबाईल से बात करते हुए वाहन न चलाए, इससे ध्यान भटकता है, आकस्मिकता के समय में वाहन से नियंत्रण खो देते है और दुर्घटना हो जाती है। तीन सवारी वाहन बिठाने से दोपहिया वाहन सही तरीके से चलाते नही बनता, मोड़ पर वाहन मुड़ता नही है और मुख्य मार्ग में आने वाले वाहनों से टकराकर दुर्घटना का शिकार होते है। यातायात नियम सड़कों पर सुरक्षित आवागमन के लिए बनाए गये है जिसका पालन हमें अपने जीवन में अनुशासित होकर करना होगा जिससे अकारण होने वाले मौतों को कम कर सके। नागरिकों को यातायात नियमों की अन्य जानकारी भी देते हुए पांपलेट वितरण किया गया। यातायात नियमों का पालन करने की अपील किया गया।