
2024 की अक्षय तृतीया से अभी तक सोने में हुआ 35 प्रतिशत का फायदा, जानें अगली अक्षय तृतीया तक कैसी रहेगी सोने की चाल
नई दिल्ली । इस साल 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। हिंदू धर्मावलंबी आमतौर पर सोने-चांदी की खरीदारी के लिए धनतेरस के अलावा इस दिन को भी काफी शुभ मानते हैं। पिछले 1 साल के दौरान सोने के भाव में आई तेजी के कारण ठीक अक्षय तृतीया के दिन ही सोना में निवेश करने वाले निवेशकों को अभी तक करीब 35 प्रतिशत का मुनाफा हो चुका है। ऐसे में अब लोग इस बात का अनुमान लगाने में जुटे हैं कि इस साल अक्षय तृतीया के दिन सोने में किए गए निवेश का अगले साल अक्षय तृतीया के दिन क्या असर होगा।

ये खबर भी पढ़ें : Raipur News, Chhattisgarh News, Epaper, Daily Hindi Morning Newspaper
ये खबर भी पढ़ें : पहलगाम हमले की छाया में घिरी फिल्म अबीर गुलाल, उठने लगी बहिष्कार की आवाजें
पिछले साल 10 मई को अक्षय तृतीया थी। उस दिन घरेलू सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोना 73 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बिका था। वहीं इस साल अक्षय तृतीया से 5 दिन पहले आज 24 कैरेट सोना 98,330 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंचा हुआ है। तीन दिन पहले ही 24 कैरेट सोना का भाव कुछ देर के लिए 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक भी पहुंचा था। इस तरह पिछले साल अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को सोना में निवेश करने वाले निवेशकों को अभी तक 34.25 प्रतिशत से अधिक का फायदा हो चुका है। माना जा रहा है कि 5 दिन बाद अक्षय तृतीया के दिन घरेलू सर्राफा बाजार में सोने की मांग बढ़ने के कारण इसकी कीमत में और भी तेजी का रुख बन सकता है।
ये खबर भी पढ़ें : मृतक दिनेश मिरानिया की पत्नी और बच्चों से मिलकर अमित शाह ने दी सांत्वना
हालांकि सोने की चाल अगले 1 साल के दौरान कैसी रहेगी, इसको लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स एक मत नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि अगर टैरिफ वॉर को लेकर दुनिया भर में बनी असमंजस की स्थिति जल्द खत्म नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में घरेलू सर्राफा बाजार में सोना 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को भी पार कर सकता है। दूसरी ओर, अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उतार-चढ़ाव पर काबू पा लिया गया और टैरिफ को लेकर विवाद शांत हो गया, तो सोने की कीमत में बड़ा करेक्शन भी आ सकता है। इस करेक्शन के कारण सोना 75 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक गिर भी सकता है।
ये खबर भी पढ़ें : Redmi का धमाका कम कीमत में – स्टाइल भी और स्मार्ट भी
कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि पिछले 1 साल के दौरान वैश्विक स्तर पर बढ़ी महंगाई, दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई सोने की खरीदारी और दुनिया के कई देशों के बीच जारी तनाव की वजह से निवेशकों ने सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोने में निवेश करना ज्यादा पसंद किया। इसी वजह से पिछले 1 साल की अवधि में सोने की कीमत में लगभग 35 प्रतिशत तक का उछाल आ गया।
ये खबर भी पढ़ें : ससुराल में स्टाइल के साथ ट्रेडिशन – बस एक बनारसी साड़ी में
राजीव दत्ता का कहना है कि इस स्तर पर कुछ निवेशक मुनाफा वसूली की बात भी सोच सकते हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका द्वारा शुरू किए गए टैरिफ वॉर के कारण जिस तरह असमंजस की स्थिति बनी है, उसमें फिलहाल निवेशकों को सोने में किए गए निवेश को बेचने की जगह होल्ड करने के ऑप्शन पर विचार करना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : इतनी गर्मी और बढ़ती उम्र में भी आंखों का ध्यान रखे इससे
हालांकि उनका ये भी कहना है कि अगर किसी निवेशक के पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी ज्यादा हो गई है, तो कुछ मात्रा में सोने की बिकवाली करके पोर्टफोलियो को बैलेंस किया जा सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में सोने में किए गए निवेश को पूरी तरह से निकाल देना सही नहीं होगा।
ये खबर भी पढ़ें : वास्तु बताए मटका रखने की सही जगह
इसी तरह कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहना है कि बाजार की तेजी का फायदा उठाते हुए कुछ मात्रा में सोने को बेच कर मुनाफा वसूली की जा सकती है, लेकिन अगर निवेशक सोने में किए गए निवेश को कुछ और समय तक होल्ड कर सकें, तो उन्हें इस ऑप्शन पर भी ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा स्थिति में सोना पॉजिटिव ट्रेंड ही दिखा रहा है। इसलिए सोने को बेचकर तात्कालिक मुनाफा तो जरूर कमाए जा सकता है, लेकिन इससे दीर्घकालिक मुनाफे पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है।
ये खबर भी पढ़ें : वास्तु बताए मटका रखने की सही जगह
हालांकि मयंक मोहन मौजूदा स्थिति में सोने में निवेश को ज्यादा बढ़ाने के पक्ष में भी नजर नहीं आते हैं। उनका कहना है कि सोने की चाल में पिछले 1 साल के दौरान आई तेजी के ट्रेंड और वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी उतार-चढ़ाव को देखते हुए कुछ लोग सोने में निवेश बढ़ाने को अच्छा विकल्प मान सकते हैं, लेकिन सोना में निवेश करने के पहले इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि पिछले 1 साल के दौरान सोने की कीमत बहुत तेजी से बढ़ी है। ऐसी स्थिति में अब कभी भी करेक्शन का दौर शुरू हो सकता है, जिससे सोने की कीमत में गिरावट आ सकती है। इसलिए अगर कोई निवेशक सोने में अपना निवेश बढ़ाना चाहता है, तो उसे हर करेक्शन पर छोटी-छोटी मात्रा में अपना निवेश बढ़ाना चाहिए, ताकि अगर कभी बाजार में बड़ी गिरावट आए तो उसको बड़े नुकसान का सामना ना करना पड़े।
ये खबर भी पढ़ें : इतनी गर्मी और बढ़ती उम्र में भी आंखों का ध्यान रखे इससे
दिल्ली के सर्राफा कारोबारी विजय मल्होत्रा का इस संबंध में कहना है कि सोने में निवेश करने की इच्छा रखने वाले लोगों को गहनों की खरीदारी करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। निवेशकों को फिलहाल निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ जैसे विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इनके सौदे में पारदर्शिता भी अधिक होती है और इन्हें आसानी से मार्केट रेट पर बेचा भी जा सकता है।
ये खबर भी पढ़ें : Lemon water : गर्मियों में जरूरी है लेमन वाटर, जानिए नींबू पानी के 9 जबरदस्त फायदे
विजय मल्होत्रा का कहना है कि आमतौर पर छोटे निवेशक निवेश करने की इरादे से भी सोने के गहने खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं, ताकि निवेश के साथ गहनों का शौक भी पूरा हो जाए। हालांकि इस खरीदारी में उन्हें मेकिंग चार्ज का भी बोझ उठाना पड़ता है। बाद में जब गहनों को बेचा जाता है, तो निवेशकों को मेकिंग चार्ज के नुकसान का सामना करना पड़ता है, जबकि गोल्ड ईटीएफ जैसे ई-गोल्ड या पेपर गोल्ड इंस्ट्रूमेंट्स में की जाने वाली खरीद-बिक्री शुद्ध रूप से सोने की कीमत पर आधारित होती है। इसमें गहनों के मेकिंग चार्ज जैसा कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होता है। इसलिए छोटे निवेशकों को निवेश के इरादे से की जाने वाली सोने की खरीदारी में विशेष रूप से गहने की खरीदारी करने से बचना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें : Gold Price Today : सोना 90 हजार के पार, चांदी भी 1 लाख के पार पहुंचा