
ईरान पर फिर हुआ हमला, अमेरिका-ईरान के बीच टकराव गहराया, बढ़ा पश्चिम एशिया में युद्ध का खतरा
फोर्दो पर हमला और उसके बाद मची तूफानी स्थिति
फोर्दो पर दोबारा हमला: ईरान के फोर्दो परमाणु संयंत्र पर फिर से हमला हुआ है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। रविवार के अमेरिकी हमले के बाद यह दूसरा हमला है। ईरानी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है, पर अभी तक किसी ने भी ज़िम्मेदारी नहीं ली है। IAEA प्रमुख ने पहले ही काफी नुकसान की आशंका जता दी थी।
ईरान का पलटवार और अमेरिका को चेतावनी: फोर्दो पर हमले के जवाब में, ईरान ने इज़रायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला कर दिया है। साथ ही, ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि अब उसके खिलाफ ईरानी सेना को पूरी छूट है, यानी अमेरिकी ठिकाने भी निशाने पर हो सकते हैं।
इज़रायल का तेहरान पर हमला?: खबरें आ रही हैं कि इज़रायल ने तेहरान में भी हमला किया है, जिसका सबसे बड़ा निशाना एविन जेल है। इस जेल में अक्सर पश्चिमी देशों के दोहरे नागरिक वाले कैदी रहते हैं। हालांकि, इज़रायल ने अभी तक इस हमले की पुष्टि नहीं की है।
ईरान का अमेरिका पर आरोप और चेतावनी: एक ईरानी जनरल ने अमेरिकी हमले को ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है और चेतावनी दी है कि अब ईरान अमेरिका के हितों पर हमला कर सकता है। मध्य पूर्व में तैनात अमेरिकी सैनिक ईरानी मिसाइलों की मार में हैं।
यूरोप की अपील और होरमुज जलडमरूमध्य की धमकी: दुनियाभर से तनाव कम करने की अपील हो रही है। यूरोपीय संघ ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान होरमुज जलडमरूमध्य बंद करता है, तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरा होगा क्योंकि यह तेल व्यापार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
2015 का परमाणु समझौता फिर चर्चा में: 2015 के परमाणु समझौते के बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन कम किया था, लेकिन ट्रम्प प्रशासन के समझौते से हटने के बाद उसने इसे फिर से बढ़ा दिया। अब यूरोपीय देश ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत कराने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस से समर्थन की उम्मीद: ईरान के विदेश मंत्री रूस के राष्ट्रपति से मिलने मास्को गए हैं। रूस ईरान का प्रमुख सहयोगी है और इस संकट में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।