“जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम में आईटीआई कुरुद ने दिखाया सांस्कृतिक समृद्धि का अद्भुत उत्सव”
धमतरी / कुरुद । 13 और 14 नवम्बर 2024 को शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) कुरुद में “जनजातीय गौरव स्मृति कार्यक्रम” का भव्य आयोजन किया गया, जिसने जनजातीय समाज की ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर और जनजाति नायको की वीरता को सम्मानित करने का एक अनूठा प्रयास किया। इस आयोजन में रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और विशेष अतिथियों के प्रेरणादायक भाषणों ने कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बना दिया।
11 और 13 नवम्बर को आयोजित रंगोली और पोस्टर प्रतियोगिताओं ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता और कला के माध्यम से जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने का शानदार अवसर प्रदान किया। कुल 20 रंगोली और 20 पोस्टर प्रस्तुत किए गए, जिनमें छात्रों ने जनजातीय जीवन, उनके रीति-रिवाज और जनजातीय नायको का समाज मे योगदान को बेहद खूबसूरती से दर्शाया। यह प्रतियोगिता न केवल प्रशिक्षनार्थियो के कला कौशल को प्रदर्शित करने का एक मंच था, बल्कि जनजातीय समाज की समृद्ध धरोहर और गौरव शाली इतिहास को भी दर्शाने का एक बेहतरीन तरीका था।
14 नवम्बर को आयोजित मुख्य कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में नोडल संस्था जिला धमतरी आईटीआई कुरुद के अंतर्गत समस्त आईटीआई के प्रतिभागी प्रशिक्षनार्थियो ने अपनी कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। 35 सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मंच पर जनजातीय नृत्य, लोक गीत, पारंपरिक संगीत और लोकनृत्य का भव्य प्रदर्शन हुआ। छात्रों ने जनजातीय वेशभूषा में सुसज्जित होकर मंच पर अपनी संस्कृति को जीवंत किया, जिससे दर्शकों को जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव हुआ। कार्यक्रम में प्रशिक्षनार्थियो ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह संदेश दिया कि संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर एन ध्रुव , प्रदेश अध्यक्ष जनजातीय कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ ने अपने उद्बोधन में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला और कहा, “हमारे जनजातीय समाज ने न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध किया है। हमें इनकी परंपराओं का सम्मान करना चाहिए और उनका संरक्षण करना चाहिए।” उनके शब्दों ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों के मन में जनजातीय समाज के प्रति आदर और सम्मान की भावना को और मजबूत किया।
विशेष अतिथि झगेश्वर ध्रुव और देवनाथ नेताम ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। श्री ध्रुव ने कहा कि जनजातीय समाज का समृद्ध इतिहास हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ता है, जबकि श्री नेताम ने समाज में जागरूकता फैलाने और जनजातीय समाज के उत्थान के लिए अधिक कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जय प्रकाश साहू जी (अधिवक्ता, व्यवहार न्यायालय, कुरुद) और धनेश्वर निर्मलकर (व्यवसायी, कुरुद) ने जनजातीय समाज के योगदान और उनके विकास की दिशा में महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। श्री साहू ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान और उनके अधिकारों पर जोर दिया, जबकि श्री निर्मलकर ने समाज के आर्थिक सशक्तिकरण की आवश्यकता पर बल दिया। इन दोनों वक्ताओं के शब्दों ने कार्यक्रम में शामिल सभी व्यक्तियों को एक नई दिशा और प्रेरणा दी।
कार्यक्रम के दौरान प्रिंसिपल योगेश देवांगन ने अपने संबोधन में आईटीआई कुरुद की भूमिका और जिम्मेदारी को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा, “आईटीआई कुरुद में यह आयोजन जनजातीय समाज के गौरव और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हमें इस समाज की संस्कृति और परंपराओं को संजोकर रखना चाहिए और इनकी मदद से एक समृद्ध और सशक्त समाज का निर्माण करना चाहिए। इस कार्यक्रम ने हमें यह सिखाया है कि समाज के हर वर्ग के योगदान को स्वीकारना और उसे बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है।”
उनके शब्दों ने सभी को यह समझने में मदद की कि समाज में बदलाव लाने के लिए हमारी सामूहिक जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है और हमें इस दिशा में लगातार प्रयास करते रहना चाहिए।
कार्यक्रम का कुशल संचालन जयमल साहू ने किया, जिनके सहज और प्रभावशाली अनुभवी तरीके ने कार्यक्रम में रोमांच और भव्यता बढ़ा दिए। संस्था के गजेंद्र साहू, प्रेम कुमार सोनी और राघवेंद्र सिन्हा ने भोजन कार्य का कुशल संचालन किया , प्रशिक्षणार्थी, प्रशिक्षण अधिकारियों और अतिथियो के लिए के लिए संस्था की ओर से भोजन उपलब्ध था
अंत में, संयोजक योगेश कुमार सिदार ने आभार उद्बोधन दिया और सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया और इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी को सराहा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम जनजातीय समाज की संस्कृति और उनके योगदान को सम्मानित करने, विस्मृत हो चुकी गौरवशाली अतित को याद करने का एक सशक्त प्रयास था और संस्था के कार्यक्रम इतिहास का एक सफल और एतिहासिक कार्यक्रम सिद्ध हुआ।
इस आयोजन ने जनजातीय समाज की धरोहर और उनके योगदान को पूरी दुनिया के सामने लाने का एक सफल सार्थक प्रयास किया। कार्यक्रम में उपस्थिति रहे सभी प्रशिक्षण अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग सराहनीय था, जिनकी मेहनत और समर्पण के कारण यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम ने अपने उद्देश्य को पूरा किया और जनजातीय समाज के प्रति सम्मान और समझ बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्राचार्य योगेश देवांगन का मार्गदर्शन, संयोजक योगेश कुमार सिदार, सह संयोजक मोहित साहू, और सद्स्य संजय कंवर, गीता मरावी, मनीष टंडन, पवन कुमार नेताम, परमानंद नेताम, ईश्वर मरकाम, शोभित लाल मंडावी का महत्वपूर्ण योगदान रहा, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कुरुद के सभी प्रशिक्षण अधिकारी, कर्मचारी और सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे और आयोजन में सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाया।