जॉब - एजुकेशन

कलिंगा विश्वविद्यालय ने प्रसिद्ध जादूगर और प्रेरक वक्ता गोपीनाथ मुथुकड़ को सम्मानित किया

रायपुर: कलिंगा विश्वविद्यालय ने मंगलवार को केरल के प्रसिद्ध भारतीय जादूगर और प्रेरक वक्ता गोपीनाथ मुथुकड़ को सम्मानित किया। वे दिव्यांगजनों के प्रति दृष्टिकोण बदलने के लिए जागरूकता फैलाने के अभियान के तहत मंगलवार को राज्य की राजधानी में थे, ये अभियान 6 अक्टूबर, 2024 को कन्याकुमारी से शुरू होकर 3 दिसंबर 2024 को दिल्ली में समाप्त होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि गोपीनाथ मुथुकड़ के स्वागत के साथ हुई, जो एक प्रेरक वक्ता हैं और केरल में एकेडमी ऑफ मैजिकल साइंसेज के संस्थापक हैं। उन्हें केरल में बाल अधिकार गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ द्वारा सेलिब्रिटी समर्थक के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्हें शॉल और गमले में पौधा देकर सम्मानित किया गया। औपचारिक दीप प्रज्वलन के साथ प्रेरक सत्र शुरू हुआ। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने स्वागत भाषण दिया।

 


गोपीनाथ मुथुकड़ ने छात्रों के साथ अपनी यात्रा साझा की और कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाले जादू के करतब दिखाए। जादू का शो देखकर छात्र आश्चर्यचकित रह गए। वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों को मुख्य धारा में शामिल होने के लिए सक्षम बनाने के अपने मिशन को साझा किया। इस नेक काम के लिए उनकी टीम द्वारा किए गए प्रयासों को उनके प्रयासों के माध्यम से देखा जा सकता है, जिसके लिए उन्हें केरल राज्य सरकार द्वारा मान्यता मिली है। उन्होंने शब्दों, कार्यों, विचारों, सहयोग और मानवता की शक्ति पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को मानवीय व्यवहार पर भी संदेश दिया और अवसरों को भुनाने, लोगों तक पहुंचने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए हमेशा तैयार रहने को कहा। कार्यक्रम के अंत में मुथुकड़ और उनकी टीम को विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में छात्र एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।

 

Join Us

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
एथनिक लुक में रॉयल टच, आप भी इस लुक पे लग सकते हैं रॉयल अब हर सफर होगा रॉयल – टोयोटा का कम दाम में दमदार कार साज-श्रृंगार का नया अंदाज़ – बॉलीवुड इंडो-वेस्टर्न के साथ घूम चुके नैनीताल-मसूरी? अब पिथौरागढ़ की बारी