
रायपुर :- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी “बस्तर ओलंपिक 2025” का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन अब केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि बस्तर क्षेत्र के सामाजिक पुनर्जागरण, सांस्कृतिक अस्मिता और युवाओं की ऊर्जा का प्रतीक बन गया है। वर्ष 2024 में प्रथम बार आयोजित बस्तर ओलंपिक को अभूतपूर्व जनसमर्थन प्राप्त हुआ था। इस सफलता को देखते हुए राज्य शासन ने इस वर्ष आयोजन को और अधिक व्यापक, समावेशी तथा सहभागितापूर्ण रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया है।
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उद्देश्य एवं पृष्ठभूमि
बस्तर क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य एवं नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। इस क्षेत्र के युवाओं में खेल प्रतिभा और साहस की कोई कमी नहीं है, किंतु उन्हें मंच एवं अवसर की आवश्यकता थी। इसी दृष्टिकोण से बस्तर ओलंपिक की परिकल्पना की गई कृ ताकि स्थानीय युवाओं में विद्यमान नैसर्गिक खेल प्रतिभा को पहचान और प्रोत्साहन मिल सके, । बस्तर क्षेत्र के युवाओं को नक्सल विचारधारा से दूर कर मुख्यधारा में शामिल किया जा सके और शांति, भय मुक्त वातावरण तथा सामाजिक समरसता को बस्तर में व्यापत हो सके। यह आयोजन शासन के उस व्यापक उद्देश्य का हिस्सा है, जिसमें “खेल के माध्यम से शांति और विकास” की परिकल्पना को धरातल पर उतारा जा रहा है।
पंजीयन में ऐतिहासिक उपलब्धि
विगत वर्ष 2024 में बस्तर ओलंपिक में लगभग 1,65,000 युवाओं ने पंजीयन कराया था। इस वर्ष 2025 में, यह संख्या तीन गुना बढ़कर 3,91,297 प्रतिभागियों तक पहुँच गई है जिसमें पुरुष खिलाड़ी – 1,63,668 एवं महिला खिलाड़ी – 2,27,629 शामिल है, जोकि ऐतिहासिक एवं रिकार्ड है। यह न केवल बस्तर संभाग के युवाओं के उत्साह को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि बस्तर ओलंपिक अब प्रदेश एवं क्षेत्र. की सामाजिक चेतना और गौरव का उत्सव बन चुका है।
आयोजन की तैयारियां एवं व्यवस्थाएं
बस्तर ओलंपिक 2025 में कुल 11 पारंपरिक एवं आधुनिक खेलों को सम्मिलित किया गया है, जिसमें तीरंदाजी, एथलेटिक, कबड्डी, बैडमिन्टन, फुटबॉल, हॉकी, कराते, वेटल्ििफ्टंग, खोखो, वालीबॉल, रस्साकसी शामिल है। यह आयोजन तीन चरणों में संपन्न होगा – जिसमें विकासखंड (ब्लॉक) स्तरीय प्रतियोगिताएँ – दिनांक – 25 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 5 नवंबर 2025 तक बस्तर संभाग के सभी ब्लॉक मुख्यालय में आयोजित होंगी। प्रत्येक ब्लॉक के लिए समय-सारणी पृथक रूप से निर्धारित की गई है। जिला स्तरीय प्रतियोगिताएँ – दिनांक – 6 नवंबर से 15 नवंबर 2025 होंगी जिसमें ब्लॉक स्तर के विजेता खिलाड़ी भागीदारी करेंगे। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता – प्रस्तावित आयोजन – नवंबर माह के अंतिम सप्ताह 24-30 नवम्बर 2025 संभावित है, जिसमें सभी 07 जिलो के विजेता खिलाड़ियों की भागीदारी होगी।
खेल मैदान एवं ऑफिशियल्स – विकासखण्ड स्तरीय आयोजन में कुल 7 जिलो के 32 विकासखण्डो में कुल 62 से अधिक खेल मैदानो को आयोजन हेतु चिन्हित कर तैयार किया जा रहा है। प्रतियोगिता में खेल नियमों के जानकार रैफरी, पी.टी.आई एवं खेल संघो के तकनीकी ऑफिशियल्स को आयोजन में संलग्न किया जा रहा है कुल 32 विकासखण्डो के लिए 11 खेलो के कुल 2000 से अधिक तकनीकी आफिशिल्स की सेवाएं प्राप्त की जाएंगी।
जिला स्तरीय आयोजन के लिए 07 जिला मुख्यालय में 20 से अधिक खेल अधोसंरचनाओं को चिन्हित कर तैयार किया जा रहा है। जिला एवं संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन में राष्ट्रीय स्तर के रैफरी एवं ऑफिशियल्स लाया जाकर , इस वर्ष प्रतियोगिता को और उत्कृष्ट स्तर पर लाया जावेगा । संभाग स्तरीय आयोजन राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मानक युक्त खेल मैदानो एवं स्टेडियम में किया जावेगा। बस्तर ओलंपिक 2025 का भव्य संभाग स्तरीय समारोह मान. केन्द्रीय गृह मंत्री जी की उपस्थिति मंे संभावित है ।
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान और पहचान
वर्ष 2024 में आयोजित प्रथम बस्तर ओलंपिक ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘मन की बात‘ कार्यक्रम में इस आयोजन की विशेष प्रशंसा करते हुए इसे देश का “अनूठा ओलंपिक” बताया था। उन्होंने इसे इस बात का प्रतीक कहा कि “देश के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में भी अब बदलाव की लहर पहुँच चुकी है।” प्रधानमंत्री जी ने आयोजन के शुभंकर ‘वन भैसा -‘पहाड़ी मैना’, तथा आयोजन के थीम वाक्य – ‘करसाय ता बस्तर, बरसाय ता बस्तर’ की भी सराहना की थी। उन्होंने बस्तर के सुदूर अंचलों से आए खिलाड़ियों का नाम लेकर पूरे देश के सामने उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की थी। मान. प्रधानमंत्रीजी द्वारा बस्तर ओलंपिक को युवाओं की गौरवगाथा से सम्बोधित किया गया ।
देश के ख्यातिप्राप्त खिलाड़ियों को आमंत्रण/प्रेरणा और प्रोत्साहन
बस्तर ओलंपिक में विभिन्न चरणो की प्रतियोगिताओं में देश के ख्याति प्राप्त खिलाड़ियों एवं प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जावेगा ताकि प्रेरणा एवं प्रोत्साहन बस्तर के स्थानीय खिलाड़ियों को प्राप्त हो सके।
युवाओ को मुख्य धारा में लाने की पहल
-बस्तर ओलंपिक केवल खेल का नहीं, बल्कि बस्तर क्षेत्र के युवाओं को मुख्य धारा में लाने तथा नक्सल विचारधारा को त्याग कर, अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर है। यह महत्वपूर्ण है कि बस्तर ओलंपिक में आत्मसर्पण कर चुके नक्सली व्यक्तियों को ‘नुवा बाट‘ नवीन नाम दिया गया है जो इस आयोजन में खेल प्रतिभागी के रूप में शामिल होने का अवसर होते है। विगत वर्ष की भॉति बस्तर ओलंपिक 2025 में भी नक्सली हिंसा के शिकार एवं दिव्यांग खिलाड़ी भी पैरा खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से सक्रिय भागीदारी करेंगे। इस पहल के माध्यम से बस्तर ओलंपिक “शांति, समरसता और समान अवसर” का प्रतीक बन गया है।
खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन, पुरस्कार एवं अवसर
यूथ ऑइकॉन – विगत वर्ष बस्तर ओलंपिक 2024 की संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं के उपरांत विजेता खिलाड़ि यों को “यूथ आइकॉन” के रूप में चयनित किया गया था इसी प्रकार इस वर्ष भी नवीन यूथ आईकॉन घोषित किये जाएंगे।
इन यूथ आइकॉन के इंटरव्यू एवं प्रेरणादायक कहानियों को मीडिया और सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर प्रसारित किया जाएगा।
पुरस्कार एवं प्रोत्साहन – बस्तर ओलंपिक आयोजन में विकासखण्ड स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार मेडल, ट्रॉफी/शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जावेगा। जिला स्तर पर विजेता खिलाड़ियों को 2000 व्यक्तिगत खले एवं 4000 दलीय खेलो के आधार पर नगद पुरस्कार के साथ मेडल/शील्ड एवं प्रमाण पत्र तथा संभाग स्तर पर विजेता खिलाड़ी को 5000 (व्यक्तिगत स्पर्धा) एवं 10000 दलीय खेल के लिए भी नगद पुरस्कार एवं मेडल/शील्ड एवं प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया जावेगा। एवं इन्हें राज्य के ख्यातिप्राप्त खिलाड़ियों की श्रेणी में मान्यता दी जाएगी। संभाग स्तर पर खिलाड़ियों को ट्रैकसूट, स्पोटर्स वियर, स्पोटर्स शूज भी प्रदान कर प्रोत्साहित किया जावेगा।
राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में प्रशिक्षण – विजेता खिलाड़ियों को राज्य शासन की खेल अकादमियों में सीधे प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बन सकें।
बस्तर ओलंपिक – शांति और विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम
बस्तर ओलंपिक ने अब तक न केवल हजारों युवाओं को खेलों की दिशा में प्रेरित किया है, बल्कि क्षेत्र में नक्सलवाद की समाप्ति, भयमुक्त वातावरण के निर्माण, और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में भी निर्णायक भूमिका निभाई है। यह आयोजन यह सिद्ध करता है कि जब शासन, समाज और युवाओं की इच्छाशक्ति एक साथ आती है, तो कोई भी क्षेत्र विकास और शांति की राह पर आगे बढ़ सकता है। “बस्तर ओलंपिक 2025” केवल खेल का उत्सव नहीं, बल्कि युवाओं की ऊर्जा, आदिवासी संस्कृति, और एक नए बस्तर की पहचान है। यह पहल छत्तीसगढ़ शासन की उस दृष्टि को साकार कर रही है, जिसमें खेल, संस्कृति और शांति तीनों एक साथ विकास के सूत्र बनते हैं।

