बदलापुर घटना के विरोध में एमवीए नेताओं ने काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन
मुंबई में उद्धव ठाकरे, पुणे में शरद पवार ने किया प्रदर्शन का नेतृत्व
मुंबई । महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में दो स्कूली छात्राओं के साथ दुष्कर्म के खिलाफ शनिवार को महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने राज्यभर में प्रदर्शन किया। एमवीए ने शनिवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट के रोक लगाने के बाद आघाड़ी के नेताओं ने सिर्फ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।
पुणे में एनसीपी (एसपी) और मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। उद्धव ठाकरे के साथ-साथ रश्मि ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, अरविंद सावंत और ठाकरे समूह के कई नेताओं और पदाधिकारियों ने सेना भवन पर प्रदर्शन किया। भारी बारिश के बीच हजारों शिवसैनिक मुंबई के शिवसेना भवन के बाहर एकत्र हुए। इस दौरान सत्तारूढ़ सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की गयी।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना की। ठाकरे ने कहा कि उनका आंदोलन विकृति के विरुद्ध संस्कृति का है। इस सरकार को हटाना है। तुम्हें अपनी बहन की रक्षा करनी होगी। अपने-अपने गांवों, शहरों में ‘बहिन सुरक्षित, घर सुरक्षित’ हस्ताक्षर अभियान चलाएं। गांव में मुख्य चौराहों पर सार्वजनिक स्थानों पर हस्ताक्षर अभियान चलाएं। उद्धव ने शिवसैनिकों का आह्वान किया कि वे इन हस्ताक्षरों को हाई कोर्ट में भेजें और बताएं कि ये आंदोलन क्यों किया जा रहा है।
पुणे में रेलवे स्टेशन के बाहर एनसीपी (एसपी) गुट ने भारी बारिश के बीच प्रदर्शन किया। इस वक्त जहां एक तरफ सुप्रिया सुले हमला बोल रही थीं, वहीं शरद पवार ने मौजूद लोगों को महिला सुरक्षा की शपथ दिलाई। इस मौके पर शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के प्रशासन की आलोचना की। बतौर शरद पवार बदलापुर की घटना से पूरे देश में महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को बहुत बड़ा धक्का लगा। महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन हुक्मरान अपनी जिम्मेदारी भुल गए हैं। जब बदलापुर घटना की निंदा की जा रही थी, तब कुछ अन्य स्थानों पर भी ऐसी ही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं। महाराष्ट्र में एक भी दिन ऐसा नहीं जाता, आए दिन हम बहनों पर अत्याचार की खबरें पढ़ते रहते हैं। यह राज्य शिव छत्रपति का है। शरद पवार ने याद दिलाया कि छत्रपति ने अपने शासन के दौरान एक महिला कि शिकायत पर अत्याचारी के हाथ काटे थे। इस अवसर पर पवार ने प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओ को महिलाओं की सुरक्षा करने की शपथ दिलाई।