
मारुति विक्टोरिस: ग्रैंड विटारा से कितनी अलग? जानिए सब कुछ!- मारुति सुज़ुकी ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाज़ार में एक नया धमाका किया है! अपनी नई फ्लैगशिप कार, **Maruti Victoris**, को लॉन्च करके, कंपनी ने ग्राहकों के दिलों में एक खास जगह बनाने की कोशिश की है। यह कार खास तौर पर मारुति के एरिना आउटलेट्स के लिए पेश की गई है और इसका बेस ग्रैंड विटारा के प्लेटफॉर्म और इंजन ऑप्शन्स पर ही तैयार किया गया है। लेकिन, भले ही दोनों कारें एक ही परिवार से हों, विक्टोरिस का अंदाज़, अंदर और बाहर, बिल्कुल जुदा है। डिज़ाइन के मामले में यह ज़्यादा स्पोर्टी और मॉडर्न दिखती है, जैसे कि इसे आज के ज़माने की पसंद को ध्यान में रखकर ही बनाया गया हो। ग्रैंड विटारा से इसकी अलग पहचान, टोयोटा अर्बन क्रूज़र हायराइडर से भी इसे काफी अलग बनाती है। आइए, इस लेख में हम आपको विक्टोरिस और ग्रैंड विटारा के बीच के बारीक अंतरों को विस्तार से बताते हैं, ताकि आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से सबसे बेहतर कार चुन सकें।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!बाहरी रंग-रूप: स्टाइल का नया अंदाज़-वैसे तो Maruti Victoris और Grand Vitara का साइज़ लगभग एक जैसा ही है, लेकिन जब बात आती है डिज़ाइन की, तो दोनों में ज़मीन-आसमान का फर्क नज़र आता है। विक्टोरिस, ग्रैंड विटारा से थोड़ी लंबी (15 मिमी) और ऊंची (10 मिमी) है, पर दोनों का व्हीलबेस 2600 मिमी ही है। लेकिन असली मज़ा तो इनके लुक्स में है! विक्टोरिस में एक ट्रेडिशनल हेडलैंप सेटअप दिया गया है, और इसका ग्रिल भी बहुत बड़ा नहीं है। कार के निचले हिस्से में बॉडी क्लैडिंग और फॉक्स स्किड प्लेट इसे एक मज़बूत SUV वाला लुक देते हैं। साइड से देखने पर, इसमें शार्प लाइन्स, बड़ा रियर क्वार्टर ग्लास और बोल्ड व्हील आर्च क्लैडिंग दिखाई देती है। दोनों कारों में 17-इंच के अलॉय व्हील तो हैं, लेकिन उनके डिज़ाइन अलग-अलग हैं। पीछे से तो विक्टोरिस बिल्कुल हटके दिखती है, क्योंकि इसमें एक पतली सी रैपअराउंड एलईडी लाइट बैंड दी गई है, जबकि ग्रैंड विटारा में स्प्लिट टेल लैंप का डिज़ाइन है। यह बाहरी अंतर ही विक्टोरिस को एक ताज़ा और आधुनिक पहचान देता है।
अंदर की दुनिया: फीचर्स और फील में फ़र्क-जब हम कार के इंटीरियर की बात करते हैं, तो विक्टोरिस और ग्रैंड विटारा के लेआउट में भी एक अलग नज़रिया देखने को मिलता है। विक्टोरिस में एक बड़ी, 10.1-इंच की फ्री-स्टैंडिंग टचस्क्रीन दी गई है, जिसमें एक नया सॉफ्टवेयर इंटरफ़ेस और नेविगेशन जैसे अतिरिक्त फीचर्स हैं, जो ग्रैंड विटारा में नहीं मिलते। विक्टोरिस के डैशबोर्ड का डिज़ाइन लेयर्ड है, जिसमें सॉफ्ट-टच मैटेरियल्स और एंबिएंट लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह और भी प्रीमियम लगता है। साथ ही, इसमें मारुति का बिल्कुल नया स्पोर्टी और प्रीमियम स्टीयरिंग व्हील भी है। वहीं, ग्रैंड विटारा का डैशबोर्ड वाटरफॉल-इफेक्ट वाला है, जो देखने में भले ही क्लासी लगे, पर विक्टोरिस का इंटीरियर ज़्यादा मॉडर्न और युवा पीढ़ी को पसंद आने वाला लगता है। कुल मिलाकर, अगर आप टेक्नोलॉजी और लेटेस्ट फीचर्स को ज़्यादा महत्व देते हैं, तो विक्टोरिस का इंटीरियर आपको ज़्यादा भाएगा। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो अपनी कार में एक स्मार्ट और अप-टू-डेट अनुभव चाहते हैं।
इंजन और परफॉरमेंस: ड्राइविंग का मज़ा किसे मिलेगा?-इंजन के मामले में तो विक्टोरिस और ग्रैंड विटारा लगभग एक जैसी ही हैं। दोनों में आपको 1.5-लीटर माइल्ड हाइब्रिड पेट्रोल, 1.5-लीटर स्ट्रांग हाइब्रिड और 1.5-लीटर पेट्रोल-CNG इंजन के विकल्प मिलते हैं। लेकिन असली मज़ा तब आता है जब बात आती है ड्राइविंग कॉन्फ़िगरेशन की। विक्टोरिस के पेट्रोल-ऑटोमैटिक वेरिएंट में ऑल-व्हील ड्राइव (AWD) का ऑप्शन भी दिया गया है, जो ग्रैंड विटारा में नहीं मिलता। यह इसे ड्राइविंग के लिहाज़ से ज़्यादा दमदार और एडवेंचर-फ्रेंडली बनाता है। इसके अलावा, विक्टोरिस का CNG वेरिएंट भी ज़्यादा प्रैक्टिकल है, क्योंकि इसमें CNG टैंक को बॉडी के नीचे फिट किया गया है, जिससे बूट स्पेस पर कोई असर नहीं पड़ता। जबकि ग्रैंड विटारा में CNG टैंक बूट स्पेस को काफी कम कर देता है। सबसे खास बात यह है कि विक्टोरिस को Nexa चैनल की बजाय Arena आउटलेट्स से बेचा जाएगा, जिससे इसकी कीमत ज़्यादा कॉम्पिटिटिव होगी और यह ज़्यादा बड़े ग्राहक वर्ग तक पहुंच पाएगी।

