
Mursi Tribe: कैसे हुई थी मुर्सी जनजाति की इस परंपरा की शुरुआत?
नई दिल्ली। इथियोपिया की मुर्सी जनजाति दुनिया की सबसे अनोखी और रहस्यमयी जनजातियों में से एक है। यह जनजाति इथियोपिया के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में ओमो नदी के पास रहती है। मुर्सी जनजाति की संस्कृति और परंपराएं बेहद अनोखी हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस जनजाति की परंपराएं दुनिया भर के लोगों को आकर्षित करती हैं। इनकी सबसे मशहूर परंपरा है महिलाओं के होंठों को काटकर उनमें बड़े-बड़े डिस्क लगाना । यह प्रथा न केवल उनकी पहचान का हिस्सा है, बल्कि उनकी सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताओं को भी दर्शाती है। आइए जानें इस बारे में।

मुर्सी जनजाति की अनोखी परंपरा
मुर्सी जनजाति एक खानाबदोश लाइफस्टाइल जीते हैं। ये लोग मुख्य रूप से पशुपालन और खेती पर निर्भर हैं। इनकी संस्कृति में सुंदरता की परिभाषा हमारी और आपकी परिभाषा से काफी अलग है। फैशन के लिए हम अलग-अलग ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इस जनजाति में ऐसा नहीं होता।
मुर्सी जनजाति में महिलाओं के होंठों में डिस्क्स लगाने की परंपरा है। यह प्रथा महिलाओं के जवान होने पर शुरू की जाती है, जब उनके निचले होंठ को काटकर उसमें एक छोटी सी डिस्क डाली जाती है। समय के साथ इस डिस्क को बड़ा कर दिया जाता है और अंत में यह होंठ इतना बड़ा हो जाता है कि उसमें एक बड़ी सी डिस्क फिट हो सकती है।
होंठों में डिस्क लगाने का महत्व
मुर्सी जनजाति में होंठों में डिस्क लगाने की प्रथा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह प्रथा महिलाओं की सुंदरता और मैच्योरिटी का प्रतीक मानी जाती है। मुर्सी समाज में माना जाता है कि जितनी बड़ी डिस्क होगी, महिला उतनी ही सुंदर और आकर्षक मानी जाएगी। इसके अलावा, यह प्रथा महिलाओं की सामाजिक स्थिति को भी दर्शाती है। बड़ी डिस्क वाली महिलाओं को समाज में ज्यादा सम्मान और महत्व दिया जाता है।
हालांकि, यह प्रथा कई लोगों के लिए चौंकाने वाली और अमानवीय लग सकती है, लेकिन मुर्सी जनजाति के लिए यह उनकी पहचान और संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह प्रथा उनकी मान्यताओं को दर्शाती है, जो सदियों से चली आ रही है।
कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत?
आज मुर्सी जनजाति भले ही होंठ में डिस्क लगाने की परंपरा को खूबसूरती का प्रतीक मानती है, लेकिन इसकी शुरुआत अपनी खूबसूरती को छिपाने के लिए की गई थी। मुर्सी जनजाति के लोगों को पुराने समय में गुलाम बनाकर ले जाया जाता था। इनमें महिलाओं को सेक्स स्लेव बनाकर ले जाते थे। अपनी रक्षा करने के लिए महिलाओं ने अपने होंठों में डिस्क लगाना और दांत तोड़ना शुरू कर दिया। खुद को गुलामी से बचाने के लिए शुरू किया काम, अब उनकी अहम परंपरा बन चुकी है।