छत्तीसगढ़
Trending

नई शिक्षा नीति युवाओ के लिए सुनहरा भविष्य

“नई शिक्षा नीति के असली अग्रदूत हैं नोडल अधिकारी और मास्टर ट्रेनर्स” – उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

रायपुर, 25 सितम्बर 2025- उच्च शिक्षा मंत्री  टंक राम वर्मा ने नई शिक्षा नीति 2020 पर आजपं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में मालवीया मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर एवं एनईपी इम्प्लीमेंटेशन सेल के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में उच्च शिक्षा मंत्री  टंक राम वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा और दृष्टि देने वाली है। यह नीति न केवल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर बल देती है बल्कि इसमें कौशल विकास, रोजगारपरक शिक्षा और अनुसंधान को भी प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा संस्थानों को अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और युवाओं का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा। सरकार निरंतर प्रयासरत है कि प्रदेश का प्रत्येक युवा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे और अपनी प्रतिभा के बल पर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दे।

आयोजित इस कार्यशाला में नोडल अधिकारियों और मास्टर ट्रेनर्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी नीति को सफल बनाने की अंतिम कड़ी उसका जमीनी क्रियान्वयन है, और इस जिम्मेदारी के प्रमुख सूत्रधार आप सभी हैं। नोडल अधिकारी अपने-अपने विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में NEP 2020 के प्रावधानों को चरणबद्ध ढंग से लागू करने के लिए केंद्र-बिंदु का कार्य करेंगे। कोर्स संरचना में सेमेस्टर प्रणाली, क्रेडिट ट्रांसफर, बहुविषयक विषयों का समावेश और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों की शुरुआत समयबद्ध रूप से होनी चाहिए, और यह सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है। मास्टर ट्रेनर्स को नीति परिवर्तन के “असली मार्गदर्शक” बताते हुए मंत्री  वर्मा ने कहा कि वे न केवल स्वयं नीति की बारीकियों को समझें, बल्कि अपने सहकर्मी शिक्षकों को भी प्रशिक्षित और प्रेरित करें। जब भी नई मूल्यांकन प्रणाली या पाठ्यक्रम लागू होता है, शंकाएँ उठना स्वाभाविक है – उन प्रश्नों का समाधान आपको ही करना होगा।
मंत्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि बदलाव आसान नहीं होता, संसाधनों और संरचना की कमी या पुरानी व्यवस्थाओं से जुड़ी चुनौतियाँ सामने आएंगी। लेकिन उनका समाधान खोजकर ही आगे बढ़ना होगा। हम यथास्थिति बनाए रखकर आने वाली पीढ़ियों के साथ न्याय नहीं कर सकते। यह परिवर्तन भविष्य के लिए जरूरी है।

मंत्री  वर्मा ने कार्यशाला को “साझा सीखने और टीमवर्क” का मंच बताते हुए प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे खुलकर चर्चा करें, अपने बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करें और जिन विषयों में कठिनाई हो, उन पर मार्गदर्शन लें। उन्होंने कहा कि शिक्षा में किए जा रहे सुधार केवल आदेश नहीं, बल्कि हर परिवार और हर विद्यार्थी की उम्मीदों से जुड़े सुधार हैं। “जब गरीब माता-पिता अपने बच्चे को कॉलेज भेजते हैं, तो उनके सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हम पर है। जब कोई छात्र नई उमंग लेकर विश्वविद्यालय आता है, तो उसके उज्ज्वल करियर की दिशा तय करना हमारा कर्तव्य है”, मंत्री वर्मा ने कहा। अंत में उन्होंने सभी से टीम भावना के साथ कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा – “सा विद्या या विमुक्तये” अर्थात वास्तविक शिक्षा वही है, जो हमें बंधनों से मुक्त करे और हमारा सर्वोत्तम व्यक्तित्व निखारे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्राध्यापकगण, शोधार्थी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

Join Us
Back to top button
12 हजार से भी कम, 8GB रैम और 5G सपोर्ट के साथ 25,000 में ट्रेन से 7 ज्योतिर्लिंग यात्रा, जानें पूरा पैकेज और किराया IRCTC Bharat Gaurav चलेगी 10 पैसे प्रति किलोमीटर e-Luna Prime,सस्ती इलेक्ट्रिक बाइक iPhone से Pixel तक स्मार्टफोन पर बेस्ट डील्स, आज आखिरी मौका