
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर राहत नहीं मिली। अदालत ने सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही कड़ी फटकार लगाई। दरअसल, सोरेन ने हाल ही में कोर्ट में याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खुद के लिए जमानत मांगी थी।

शीर्ष अदालत ने सोरेन की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही सच को दबाने के लिए फटकार लगाई। अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता ने इस तथ्य का खुलासा नहीं किया है कि ट्रायल कोर्ट ने मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लिया है। वहीं, फटकार के बाद हेमंत सोरेन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका वापस ले ली।