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कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस जागरूकता सप्ताह समारोह के अवसर पर आयोजन संपन्न

रायपुर: फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने फार्माकोविजिलेंस और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके “रोगी सुरक्षा के लिए एडीआर रिपोर्टिंग संस्कृति का निर्माण” विषय के साथ 17-23 सितंबर, 2024 तक चौथे राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह मानाने की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य रोगी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) की रिपोर्टिंग की व्यवस्था को बढ़ावा देना है।
कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय ने 19 सितंबर 2024 को चौथा “राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस जागरूकता सप्ताह” मनाया, जिसका विषय था: “रोगी सुरक्षा के लिए एडीआर और रिपोर्टिंग व्यवस्था का निर्माण”।जागरूकता कार्यक्रम के एक भाग में फार्मेसी संकाय के प्राचार्य डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी के मार्गदर्शन में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का समन्वयन श्री प्रांजुल श्रीवास्तव (सहायक प्रोफेसर), स्मृतिरंजन दाश (सहायक प्रोफेसर), डॉ. रूपाली भारती साव (सहायक प्रोफेसर) ने किया। तकनीकी जागरूकता सत्र से पहले एम्स, रायपुर से डॉ. पुगाजेनथन थंगाराजू (समन्वयक – एमवीपीआई), डॉ. प्रफुल्ल पी. थावरे (सहायक प्रोफेसर और सदस्य रोगी सुरक्षा समिति), डॉ. विकास कटियारा (एएमसी, वरिष्ठ रेजिडेंट आई/सी) ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में एम.फार्मा, बी.फार्मा, डी.फार्मा और डी.फार्मा के विद्यार्थी शामिल हुए।


विदित हो कि “राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस जागरूकता सप्ताह” के अंतर्गत आम जनता और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के बीच जागरूकता पैदा करने और फार्मेसी के महत्व के बारे में शिक्षित करने के इरादे से मनाया जाता है। फार्माकोविजिलेंस और फार्माकोविजिलेंस से संबंधित गतिविधियों को करने में स्वास्थ्य पेशेवरों की भूमिका के बारे में आम जनता को जागरूक करना इसका मुख्य उद्देश्य रहता है। तकनीकी जागरूकता सत्र की शुरुआत प्रतिकूल दवा के प्रभाव की रिपोर्टिंग (एडीआर) के महत्व और जरूरतों और एडीआर भरने में फार्माकोविजिलेंस की भूमिका के बारे में परिचयात्मक जानकारी के साथ प्रस्तुत की गयी। इसके साथ ही छात्रों को “विश्व रोगी सुरक्षा दिवस” के बारे में जानकारी दी गई । जो हर साल 19 सितंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि रोगी सुरक्षा के बारे में वैश्विक जागरूकता पैदा की जा सके एवं रोगी सुरक्षा में सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ाने और नवीन कार्ययोजना तैयार किया जा सके। इससे रोगी को होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी प्रदान की गयी।
इसके अलावा विभिन्न प्रकार के एडीआर के बारे में जानकारी और एडीआर भरने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि से छात्रों को परिचित कराया गया, साथ ही एडीआर भरने के प्रति फार्मासिस्ट के कर्तव्य के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया गया। 2 घंटे तक चले इस सत्र में संकाय सदस्यों के साथ डी.फार्म, बी.फार्म, एम.फार्म और फार्म डी के 125 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।कलिंगा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय के प्राचार्य और सत्र के आयोजक डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ।

 

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