गोपेश्वर। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत सीमांत जनपद चमोली के कर्णप्रयाग ट्रामा सेंटर में हंस फाउंडेशन के सहयोग से डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गई है। इससे पहले जिले के लोगों को डायलिसिस के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। डायलिसिस के लिए देहरादून एवं अन्य शहरों में जाना पड़ता था। अब उत्तराखंड सरकार की ओर से संचालित की जा रही इस योजना से सीमांत जनपद के गुर्दा रोग पीड़ितों को लाभ मिल रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजकेश पांडेय ने बताया कि कर्णप्रयाग ट्रोमा सेंटर में डायलिसिस केंद्र में प्रतिदिन दो डायलिसिस सेशन प्रति मशीन के अनुसार अब तक 900 सेशन किए गए हैं। इसमें 72 लोगों ने प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत निःशुल्क डायलिसिस सुविधा का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि आशा एवं एएनएम की ओर से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
मरीज बाेले- कर्णप्रयाग ट्रोमा सेंटर में डायलिसिस केंद्र खुलने से मिल रही राहत
डायलिसिस के लाभ ले रहे धारकोट चमोली निवासी दिलबर सिंह ने बताया कि पहले डायलिसिस के लिए देहरादून जाना पड़ता था, जो काफी खर्चीला और परेशानी भरा होता था। अब यह सुविधा पास में मिल जाती है। सप्ताह में दो से तीन बार डायलिसिस के लिए आना पड़ता है। वहीं मंडल गोपेश्वर के विकास सिंह ने बताया कि कि लगभग चार वर्ष पूर्व देहरादून में जांच के बाद डायलिसिस की सलाह दी गई थी। कुछ समय वहां निजी अस्पताल में अटल आयुष्मान योजना से नि:शुल्क डायलिसिस करा रहे थे। अब कर्णप्रयाग ट्रोमा सेंटर में डायलिसिस केंद्र खुलने से उन्हें राहत मिल रही है।