लाडली बहना योजना पर गरमाई सियासत, संजय राउत के बयान पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने किया पलटवार
भाेपाल । ‘लाड़ली बहना योजना’ को लेकर मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक सियासत छिड़ी हैं। अद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के नेता संजय राउत ने लाड़ली बहना योजना को लेकर बड़ा बयान दिया था। जिस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जब से हमने लाडली बहना योजना शुरू की है लगातार हर महीने, निश्चित समय पर महिलाओं के खाते में पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को लेकर लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है, लेकिन लाडली बहना योजना बंद नहीं होगी।
ये खबर भी पढ़ें : नवरात्रि व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखें – Pratidin Rajdhani
ये खबर भी पढ़ें : गोली की तरह चलेगा दिमाग अगर देख ली यह फिल्में – Pratidin Rajdhani
दरअसल महाराष्ट्र में भी बीजेपी गठबंधन सरकार ने लाड़ली बहना की तर्ज पर माझी लाडकी बहिण योजना लांच की है। इस बीच संजय राउत ने कहा कि, लाडली बहना योजना देश के किसी भी हिस्से में सफल नहीं हो पाई है, यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है। इस योजना से अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।
ये खबर भी पढ़ें : सुषमा के स्नेहिल सृजन – मनहरण घनाक्षरी जय माँ कात्यायनी – Pratidin Rajdhani
संजय राउत के इस बयान पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने कहा कि जब से हमने राज्य ‘लाडली बहना योजना’ शुरू की है। हर महीने, निश्चित समय पर बहनों को पैसे देने का काम किया है। हमने हमारी 500 साल पूर्व की सम्राज्ञी वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती के अवसर पर एक साथ पूरे प्रदेश की बहनों के खातों में 5-5 हजार की राशि डाली है। कोई ऐसा महीना नहीं जा रहा है जिसमें यह राशि नहीं डाली गई है।
ये खबर भी पढ़ें : Vivo V50 सीरीज को लेकर सामने आई डिटेल
संजय राउत पर वार करते हुए मुख्यमंत्री डाॅ यादव ने कहा कि ‘लाडली बहना’ योजना के पैसे हर महीने मिल रहे हैं। लेकिन हार के डर से शिवसेना (UBT) के लोग महाराष्ट्र के चुनाव में मतदाताओं को बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह एक बार फिर अपने सभी मतदाताओं से कहना चाहते हैं कि ऐसे झूठे षड्यंत्रों पर विश्वास न करें। यह नारी सशक्तिकरण की राशि है जिसे हम बंद करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी योजना के तहत बहनों के जीवन में बेहतर हो।
ये खबर भी पढ़ें : विश्व बैंक को कार्बन बेचने से नेपाल को मिलेंगे 1600 करोड़