
ट्रैक्टर और खेती के उपकरण हुए सस्ते! किसानों की बल्ले-बल्ले, सरकार ने लिया बड़ा फैसला-किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! हमारे कृषि मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान, ने हाल ही में एक ऐसी घोषणा की है जिससे सीधे तौर पर देश के करोड़ों किसानों को फायदा होने वाला है। 22 सितंबर से ट्रैक्टर और खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाले तमाम उपकरणों पर जीएसटी (GST) की दरें कम कर दी गई हैं। इसका मतलब है कि अब ये मशीनें पहले से काफी सस्ती हो जाएंगी, जिससे किसानों की लागत कम होगी और उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। मंत्री जी ने यह भी साफ कर दिया है कि इस कटौती का पूरा-पूरा फायदा किसानों तक पहुंचना चाहिए, वरना कंपनियां खैर नहीं!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!खेती की लागत घटाने की अनोखी पहल: क्यों है यह इतना खास?-खेती-बाड़ी में मशीनों का इस्तेमाल आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। लेकिन, कई छोटे और मझोले किसान महंगे ट्रैक्टर और उपकरण खरीद नहीं पाते। ऐसे में, वे किराए पर मशीनें लेते हैं। सरकार का यह कदम बहुत सोच-समझकर उठाया गया है। जीएसटी में कटौती का असर सिर्फ ट्रैक्टरों की खरीद पर ही नहीं, बल्कि कस्टम हायरिंग सेंटरों (Custom Hiring Centres – CHC) से किराए पर मिलने वाली मशीनों पर भी पड़ेगा। यानी, अब किराए पर मशीनें लेना भी सस्ता हो जाएगा। इससे छोटे किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वे कम पैसों में भी आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर पाएंगे। सरकार का असली मकसद खेती को सस्ता और किसानों को मालामाल बनाना है।
किस ट्रैक्टर पर कितनी मिलेगी छूट? जानिए पूरी लिस्ट-किसानों के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि किस एचपी (HP) के ट्रैक्टर पर कितनी बचत होगी। कृषि मंत्री ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है:
*35 एचपी ट्रैक्टर: इस पर लगभग 41,000 रुपये की कमी आएगी।
*45 एचपी ट्रैक्टर: इसमें करीब 45,000 रुपये की बचत होगी।
*50 एचपी ट्रैक्टर: इस श्रेणी में आपको 53,000 रुपये का फायदा मिलेगा।
*75 एचपी ट्रैक्टर: सबसे ज्यादा, यानी पूरे 63,000 रुपये की छूट मिलेगी।
इतना ही नहीं, बागवानी (हॉर्टिकल्चर) में इस्तेमाल होने वाले छोटे कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर भी अब करीब 23,000 रुपये तक सस्ते हो जाएंगे। यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, चाहे वे छोटे किसान हों या बड़े, सबको इसका लाभ मिलेगा।
कस्टम हायरिंग सेंटर: छोटे किसानों के लिए वरदान-कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) का मुख्य उद्देश्य ही छोटे और सीमांत किसानों को खेती के लिए ज़रूरी मशीनरी किराए पर उपलब्ध कराना है। जब जीएसटी में कटौती के बाद ये उपकरण सस्ते होंगे, तो स्वाभाविक रूप से इन सेंटरों पर मशीनों का किराया भी कम होगा। इससे किसानों की जेब पर पड़ने वाला बोझ और भी कम हो जाएगा। सरकार छोटे कृषि उपकरणों के उत्पादन पर भी जोर दे रही है, ताकि हर किसान अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही मशीन का इस्तेमाल कर सके और खेती का काम आसान हो जाए।
उद्योग जगत से मुलाकात: मंत्री की सीधी अपील-इस महत्वपूर्ण घोषणा से पहले, कृषि मंत्री ने ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों और मशीनरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की। इसमें ट्रैक्टर एंड मेकेनाइजेशन एसोसिएशन (TMA), एग्रीकल्चरल मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AMMA), ऑल इंडिया कंबाइन हार्वेस्टर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AICMA) और पावर टिलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PTAI) जैसे प्रमुख संगठनों के सदस्य शामिल थे। मंत्री जी ने सभी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि 22 सितंबर से पहले-पहले किसानों को जीएसटी कटौती का लाभ मिलना शुरू हो जाना चाहिए।
किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर-यह फैसला सिर्फ किसानों को आर्थिक राहत देने वाला नहीं है, बल्कि यह भारत में खेती के मशीनीकरण (Farm Mechanization) को बढ़ावा देने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। आने वाले समय में, इससे खेती की कुल लागत कम होगी, पैदावार बढ़ेगी और किसान पहले से कहीं ज़्यादा आत्मनिर्भर बनेंगे। यह किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

