काठमांडू । नेपाल और भारत की खुली सीमा के बीच दो देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा की पहचान रहे स्तंभों के मरम्मत का काम औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है।
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दोनों देशों के बीच रहे बॉर्डर वर्किंग ग्रुप की बैठक के निर्णय के मुताबिक नेपाल के पूर्वी सीमा से इस काम की शुरुआत की गई है। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी सीमा के पास से सीमा स्तम्भ के मरम्मत के काम को दोनों देशों के सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने किया है।
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नेपाल के सशस्त्र प्रहरी बल झापा जिले के एसपी कवींद्र राई ने बताया कि भारत के सिलीगुड़ी के पास और नेपाल के मेचीनगर में रहे बॉर्डर पिलर नंबर 95/12 से इसकी शुरुआत की गई है। एसपी राई के मुताबिक भारत की सीमा सुरक्षा बल एसएसबी की उपस्थिति में इस काम की शुरुआत की गई है।
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दोनों देशों के बीच इस बात पर सहमति हुई है कि जितने भी जोड़ संख्या के सीमा स्तंभ हैं उसकी मरम्मत का काम एसएसबी के जिम्मे है जबकि बे-जोड़ संख्या वाले स्तंभों की मरम्मत का काम नेपाल की सशस्त्र प्रहरी बल एपीएफ के जिम्मे है।
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नेपाल के झापा जिले की सीमा भारत के पश्चिम बंगाल से 114.2 किलोमीटर की है जिसमें कुल 107 सीमा स्तम्भ होने की जानकारी एपीएफ के तरफ से दी गई है। सीमा स्तंभ मरम्मत के साथ ही जहां पर यह सीमा स्तंभ टूट गए हैं या किसी कारण से गायब हैं वहां नए पीलर लगाने का काम भी किया जाएगा।
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सीमा स्तंभ मरम्मत के काम के समय दोनों देशों के तरफ से सीमा सुरक्षा बल के अलावा नेपाल के तरफ से जिला प्रशासन, सर्वे विभाग, स्थानीय जनप्रतिधियों की उपस्थिति में किए जाने पर सहमति हुई है। ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद ना हो।
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