
Shaheed Diwas 2025: भगत सिंह के विचारों को पढ़कर जोश से भर जाएंगे आप!
नई दिल्ली। शहीद दिवस भारत के उन वीर सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह , राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर लटका दिया था।
इन तीनों क्रांतिकारियों ने न केवल अपने बलिदान से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी, बल्कि अपने विचारों से युवाओं के दिलों में देशभक्ति की अलख जगाई। भगत सिंह के विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। शहीद दिवस के मौके पर पढ़ें शहीद भगत सिंह के ऐसे विचार , जो आपकी रगों में जोश और देशभक्ति भर देंगे।

“क्रांति का मतलब है समाज में बदलाव…”
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। उनके परिवार में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। बचपन से ही उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचारों को देखा और महसूस किया था। उनके मन में देश को आजाद कराने की इच्छा प्रबल होती गई। भगत सिंह ने महसूस किया कि केवल शांतिपूर्ण आंदोलनों से अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उनका मानना था कि क्रांति के बिना आजादी संभव नहीं है।
भगत सिंह के विचार केवल हिंसा तक सीमित नहीं थे। वे एक विचारक, लेखक और दार्शनिक भी थे। उन्होंने कहा था, “क्रांति का मतलब केवल खून-खराबा नहीं है। क्रांति का अर्थ है समाज में बदलाव लाना।” उनका मानना था कि आजादी केवल अंग्रेजों से मुक्ति नहीं है, बल्कि समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व की स्थापना करना है।
Bhagat Singh Quotes (भगत सिंह के प्रेरक विचार)
- “वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे।”
- “मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी।”
- “बम और पिस्तौल क्रांति नहीं करते। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है।”
- “वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे।”
- “प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।”
- “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।”
- “जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता।”
- “आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं।”
- “राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।”
- “अगर बहरों को सुनाना है तो आवाज बहुत तेज होनी चाहिए।”