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Special Reports : वादों की कसौटी पर खड़ा मतदाता, जान रहा सियासत उलझन…

वादों की कसौटी पर खड़ा मतदाता, जान रहा सियासत उलझन...

रायपुर । छत्तीसगढ़ की नई सरकार को वादों की कसौटी पर रखने के लिए मतदाता तैयार हो रहा है। आने वाले दो-तीन माह में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। पिछली बार प्रदेश में भाजपा की नई सरकार बनी उससे पहले चुनावी घोषणा पत्र में मतदाताओं से कई वायदे किए गए, अब उन वादों को कसौटी पर रखने के लिए मतदाता तैयार खड़ा दिखलाई पड़ता है। महतारी वंदन योजना, धान खरीदी में प्रति क्विंटल 3100 रुपए की कसौटी के साथ चर्चित सीजीपीएससी घोटाला और महादेव एप पर कार्रवाई को लेकर मतदाता में चर्चा का माहौल है।
सूत्र बताते हैं कि राज्य विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान रायपुर जिले की चार विधानसभा सीट सहित 7 निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों ने मतदाताओं को लुभाने महतारी वंदन योजना की लाखों फॉर्म भर कर जमा कर लिए। अब फिर से आंगनबाड़ी केंद्रो में महतारी वंदन योजना के फॉर्म भरे जा रहे हैं। इसमें पात्र और अपात्र का नियम जोड़ दिया गया है, जबकि चुनावी उपाय के दौरान संकल्प भाजपा ने बार-बार कहा था कि हर महिला को महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जाएगा, लेकिन जिस हिसाब से महतारी वंदन योजना के फॉर्म मतदाताओं के बीच जा रहे हैं उससे अब मतदाता खासकर महिला मतदाता उलझन में है। पात्रता का फार्मूला अपना लिया गया है, तमाम मीडिया संस्थानों के साथ होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के कई बड़े नेताओं ने वायदा किया। महतारी वंदन योजना का हर महिला को लाभ मिलेगा चाहे परिवार में एक से अधिक महिला क्यों ना हो। ऐसे में सवाल यह होता है कि अब पात्रा और अपात्र का सवाल क्यों खड़ा किया जा रहा है। जबकि रायपुर जिले की दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव के दौरान मतदाता से एक लाख से अधिक फार्म भरवा लिए गए, क्या उन महिलाओं को लाभ मिल पाएगा जिन्होंने चुनाव के दौरान महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरा है या फिर उन महिलाओं को फिर से नया फॉर्म भरना होगा।
ताकतवर महिलाएं सदन में नारी शक्ति का मन रखने वाली मंत्री स्मृति ईरानी की पंक्तियों को याद कर रही है कि यह शक्ति की धरती है, विपक्षी ने ताकत के साथ मुद्दा भी उठाया कि महतारी वंदन योजना फार्म जमा लिए जा रहे हैं, लेकिन किसी शक्ति ने रोक-टोक नहीं की और एक बड़ा मुद्दा साबित हुआ और भाजपा को जीत मिल गई। एक और बड़ा मुद्दा रहा, प्रति क्विंटल धान खरीदी 31 सो रुपए जो अब तक शुरू नहीं हो पाई है। मतदाता इस वादे की कसौटी पर भी खड़ा है। तैयारी कर रहा है की लोकसभा चुनाव के पहले वायदा पूरा हो जाए। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार नए-नए फार्मूले के साथ मोदी की गारंटी को पूरा करने का रोज वचन दे रही है।
कई खबरों के अंदर और पिछले दिनों बजट अभिभाषण में भी वित्त मंत्री के झलक दिखलाई थी फिर भी न जाने मतदाता महतारी वंदन योजना और 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी के मुद्दे को चर्चा में रखा है। युवाओं को रोजगार और घोटालों की जांच भी बड़ा मुद्दा है । कानून सुरक्षा के प्रश्नों को लेकर रोज सवाल जवाब होते हैं, लेकिन सवाल क्यों खत्म नहीं हो रहे यह विपक्ष भी जानना चाहता है और मतदाता भी जानना चाहते हैं कहीं ना कहीं एक आवाज है जो लोकसभा चुनाव के पहले घोषणाओं से पहले सामने आना चाहती है। ताकि फिर कोई नया वादा हो उससे पहले पुराने वायदे को कसौटी पर कस लिया जाए । निर्वाचन आयोग ने नई लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कई चिंतन मनन करने वाले लोग अप्रैल में चुनाव की तैयारी में लगे हैं, क्योंकि अप्रैल में लोकसभा चुनाव संभावित हैं।
रायपुर जिले की दक्षिण विधानसभा सीट ही नहीं उत्तर पश्चिम ग्रामीण सभी में महतारी वंदन की ऊर्जा थी अब सरकार बन गई है। वादों को लेकर मतदाता में उत्सुकता है। हर दिन हर जिले में लाखों की संख्या में महतारी वंदन योजना में फॉर्म भरे जा रहे हैं। अखबार में सुर्खियां बन रही है कि कहीं नेटवर्क खराब है, कहीं सर्वर डाउन है तो कहीं राशन कार्ड की मांग हो रही है, तो कहीं बीपीएल देखा जा रहा है। इन पात्र और अपात्र का खेल मतदाताओं को समझ में आने लगा है, क्योंकि कर्मचारी तो बेचारा आज भी वादों की फांस में फंसा हुआ है, उसे घोषणा और वचन पूरा होते नहीं मिले हैं। दुनिया भी बड़ी अजीब है रिश्तो को निभाते हुए वचनों को स्वीकार कर लेती है लेकिन छत्तीसगढ़ की भोली-भाली जनता विधानसभा में स्वप्न में आकर मतदान कर दिया किंतु लोकसभा के पहले उनका स्वप्न का कसौटी करने का तरीका तैयार हो रहा है। शिक्षा , स्वास्थ्य, न्याय, कानून और प्रशासन सभी वर्ग से जुड़े लोग विचार कर रहे हैं कि किए गए वादों का क्या होगा ? मिल पाएगा या नहीं ? मोदी की गारंटी पर सभी को भरोसा है।

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