
उत्तराखंड में आपदा से बचाव के लिए सख्त कदम, संवेदनशील इलाकों में नए निर्माण पर पूरी तरह रोक
उत्तराखंड: पहाड़ों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री का अहम कदम!-उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूस्खलन और हिमस्खलन, को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बड़ा फैसला लिया है। यह फैसला न सिर्फ़ आपदाओं से निपटने, बल्कि उन्हें रोकने पर भी केंद्रित है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ख़तरे की पहचान और सुरक्षा योजना-सरकार सबसे पहले उन जगहों की पहचान करेगी जहाँ भूस्खलन या हिमस्खलन का खतरा सबसे ज़्यादा है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को पहले से ही सतर्क किया जाएगा और सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने की योजना बनाई जाएगी। इसमें आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने और लोगों को प्रशिक्षण देने की भी योजना है ताकि किसी भी दुर्घटना से पहले ही बचाव किया जा सके। यह एक व्यापक योजना है जिसमें हर पहलू को ध्यान में रखा गया है।
नए निर्माण पर रोक-मुख्यमंत्री ने साफ़ निर्देश दिए हैं कि जो इलाक़े ख़तरनाक घोषित किए जाएँगे, वहाँ किसी भी तरह का नया निर्माण या बसावट नहीं होगी। नदियों, नालों और पानी के अन्य स्रोतों के पास भी निर्माण पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इस नियम को तोड़ने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी। यह कदम प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करने में बहुत मददगार होगा।
आपदा रोकथाम पर ज़ोर-सरकार का ध्यान अब सिर्फ़ आपदा से निपटने पर नहीं, बल्कि उसे रोकने पर भी है। ख़ासकर संवेदनशील इलाक़ों में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क़दम उठाए जाएँगे। जोखिम वाले इलाक़ों में तुरंत कार्ययोजना बनाई जाएगी और उसे लागू किया जाएगा ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा में जनहानि को रोका जा सके। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं और नियमित निगरानी भी होगी।

