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स्विट्रस ने बढ़ाया अपना वैश्विक दायरा, जर्मनी में खोली पहली भारतीय टूर ऑपरेटर शाखा

भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते यूरोपीय ट्रैवल ब्रांड स्विट्रस हॉलीडेज़ ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी ने अपना पहला इंटरनेशनल ऑफिस जर्मनी में खोला है। ये कदम न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए गर्व की बात है। इस उपलब्धि के साथ स्विट्रस, जर्मनी में अपनी ब्रांच शुरू करने वाला पहला और अकेला भारतीय टूर ऑपरेटर बन गया है। इस पहल से कंपनी ने भारत से बाहर घूमने जाने वालों के लिए एक नया रास्ता दिखाया है। ये कदम यूरोप में भारतीय सैलानियों के अनुभव को पूरी तरह बदलने की दिशा में एक बड़ी शुरुआत माना जा रहा है। केरल के त्रिशूर से शुरुआत करने वाले स्विट्रस ने धीरे-धीरे पूरे देश में अपनी पहचान बना ली है। हफ़्ते भर के ग्रुप यूरोप टूर की पेशकश से लेकर देशभर में 9 ऑफिस खोलने तक और अब यूरोप के दिल में अपनी इंटरनेशनल मौजूदगी दर्ज कराने तक, कंपनी ने 25,000 से ज़्यादा यात्रियों को खुश किया है। जर्मनी में स्विट्रस के ऑफिस का उद्घाटन डुइसबर्ग शहर में धूमधाम से किया गया। ये सिर्फ एक लॉन्च इवेंट नहीं था, बल्कि कंपनी के लिए गर्व और भावनाओं से जुड़ा एक खास मौक़ा था। इस मौक़े पर भारतीय और जर्मन समुदायों के कई जाने-माने लोग और स्थानीय गणमान्य अतिथि भी शामिल हुए, जिनकी मौजूदगी ने भारत और जर्मनी के बीच एक सांस्कृतिक पुल का काम किया।

इस समारोह में जो खास लोग मौजूद रहे, उनमें शामिल थे:

  • श्री मार्कस युंगबाउअर, हैम्बोर्न के जिला मेयर – जिन्होंने इंडो-जर्मन रिश्तों को मज़बूत बनाने की दिशा में इस पहल का समर्थन किया।
  • श्रीमती फेलिक्स काया, सीनियर जनरल मैनेजर, वेस्टर्न यूनियन डुइसबर्ग – जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और फाइनेंशियल सेवाओं में एक जाना-माना नाम हैं।
  • क्रिस्टोफ़ हेनेकन, अटॉर्नी जनरल, डुइसबर्ग – जो जर्मनी के मज़बूत कानूनी और प्रशासनिक सहयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
  • फ़ादर डॉ. इसाक एल्सदानम, पादरी, सेंट जोसेफ़ चर्च, डुइसबर्ग – जिन्होंने इस मौक़े को आशीर्वाद दिया और नए सफ़र की कामयाबी की दुआ की।
  • श्री जोसे कुंबिलुवेलिल, केरल से लोकसभा सांसद और वरिष्ठ पत्रकार – जो यूरोप में बसे भारतीयों की आवाज़ हैं।

इन सबकी मौजूदगी ने ये दिखा दिया कि अब भारतीय टूरिज़्म का असर सिर्फ़ देश तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब वह ग्लोबल मंच पर एक अहम भूमिका निभा रहा है। हैम्बोर्न के जिला मेयर ने इस मौक़े पर कहा, “स्विट्रस सिर्फ़ शहरों को नहीं जोड़ रहा है, बल्कि लोगों को जोड़ रहा है। हम इस पहल का स्वागत करते हैं, जो भारत और जर्मनी के बीच पर्यटन और संस्कृति के आदान-प्रदान को और भी मज़बूत बनाएगा।” रिबन काटने की रस्म के बाद एक शानदार सांस्कृतिक शाम भी रखी गई, जिसमें भारतीय मेहमाननवाज़ी, स्थानीय खाने और एक-दूसरे से जुड़े रहने की भावना को ख़ास तरीके से पेश किया गया। आजकल जब ज़्यादातर ट्रैवल कंपनियाँ थर्ड-पार्टी वेंडर्स और अधूरी प्लानिंग पर टिकी होती हैं, वहीं स्विट्रस ने जर्मनी में अपनी मौजूदगी दर्ज कराके एक अलग ही मिसाल पेश की है। ये सिर्फ़ एक ऑफिस खोलने की बात नहीं है, बल्कि यूरोप में भारतीय पर्यटकों के अनुभव को ज़मीन से जुड़कर समझने और बेहतर बनाने की कोशिश है।

स्विट्रस हॉलीडेज़ के फाउंडर और सीईओ डॉ. जोबी जॉर्ज ने कहा, “हम सिर्फ़ इतना नहीं चाहते कि लोग यूरोप की सैर करें, हम चाहते हैं कि वहाँ उन्हें हमारी मौजूदगी महसूस हो। ये सिर्फ़ एक ब्रांच नहीं है, ये एक ऐसा क़दम है जो यूरोप को भारतीय यात्रियों के लिए आसान, सुरक्षित और दोस्ताना बनाता है। हमें गर्व है कि हम जर्मनी में अपनी शाखा खोलने वाले पहले भारतीय ट्रैवल ब्रांड हैं। इससे हमें अपने ग्राहकों को और बेहतर सर्विस, तेज़ रिस्पॉन्स और ज़्यादा सुविधा देने में मदद मिलेगी।” ये विस्तार सिर्फ़ स्विट्रस के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय ट्रैवल सेक्टर के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। ये साफ़ दिखाता है कि अब भारतीय कंपनियाँ न सिर्फ़ देश में, बल्कि दुनिया भर में अपनी जगह बना रही हैं। स्विट्रस की योजना है कि वो आगे चलकर एशिया और मिडल ईस्ट में भी अपनी ब्रांच खोले और यात्रियों के लिए ख़ास तौर पर डिज़ाइन किए गए नए टूर एक्सपीरियंस लेकर आए।

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