
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक, अब यात्रा होगी एकदम मक्खन!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!केदारनाथ धाम: आस्था की राह अब होगी सुगम!-बाबा केदारनाथ के दर्शन करने की चाहत तो सभी रखते हैं, पर वहां तक पहुंचना हमेशा से थोड़ा टेढ़ा काम रहा है। अब तक श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से मंदिर तक करीब 16 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती थी, जिसमें काफी समय और मेहनत लगती थी। लोग पैदल, खच्चर, पालकी या फिर हेलीकॉप्टर का सहारा लेते थे। लेकिन अब इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए अडानी ग्रुप एक शानदार रोपवे बनाने जा रहा है! ये रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक करीब 13 किलोमीटर लंबी होगी और इसे बनाने में लगभग 4,081 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। सोचिए, जहां अभी पैदल जाने में 9 घंटे तक लग जाते हैं, वहीं इस रोपवे से आप सिर्फ 36 मिनट में बाबा के द्वार पहुंच जाएंगे! ये सच में कमाल की बात है, है ना?
राष्ट्रीय प्रोजेक्ट: ‘पर्वतमाला’ का एक अहम हिस्सा-यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार की ‘पर्वतमाला परियोजना’ का एक बड़ा हिस्सा है, जिसे मार्च 2025 में कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई थी। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को इसे बनाने का काम सौंपा गया है। खास बात यह है कि यह रोपवे एक बार में 1,800 यात्रियों को ले जा सकेगी, यानी हर दिन लगभग 18,000 लोग इसका फायदा उठा पाएंगे। इससे हर साल करीब 20 लाख भक्तों की यात्रा बेहद आरामदायक हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, ताकि हर कोई आसानी से अपने आराध्य के दर्शन कर सके।
6 साल में बनेगा, 29 साल तक अडानी ग्रुप चलाएगा-यह पूरा प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर काम करेगा। इसे बनने में करीब 6 साल लगेंगे, और फिर अगले 29 सालों तक अडानी ग्रुप ही इसका संचालन करेगा। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही, पर्यटन बढ़ने से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को भी काफी मजबूती मिलेगी। इस रोपवे में आधुनिक 3S ट्राई-कैबल डिटेचेबल गोंडोला टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो सकता है, जो इसे और भी ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएगी।
आस्था और टेक्नोलॉजी का अद्भुत मेल-अडानी ग्रुप के चेयरमैन, गौतम अडानी, इस प्रोजेक्ट को सिर्फ एक इंजीनियरिंग का कमाल नहीं मानते, बल्कि इसे ‘आस्था और आधुनिकता का पुल’ कहते हैं। उनका मानना है कि इससे भक्तों को न सिर्फ तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिलेगी, बल्कि उत्तराखंड के लोगों के लिए रोजगार और विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे। यह प्रोजेक्ट देश की सेवा के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जिंदगी बदलने की क्षमता रखता है।
केदारनाथ की यात्रा: अब हर किसी के लिए मुमकिन-समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर साल में केवल 6 से 7 महीने ही खुलता है और इस दौरान लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों के बीच इस पवित्र धाम तक पहुंचना हमेशा से एक चुनौती रहा है। लेकिन अब इस रोपवे के बनने से यात्रा का समय तो कम होगा ही, साथ ही बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी आसानी से बाबा के दर्शन कर पाएंगे। श्रद्धालुओं की यही उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो और उनकी आस्था की राह को और भी आसान बना दे।
