
UKSSSC परीक्षा विवाद: छात्रसंघ ने कहा- परीक्षा निष्पक्ष हुई, परिणाम जारी किए जाएं
उत्तराखंड परीक्षा विवाद: छात्रों ने सीएम को सौंपा ज्ञापन, बोले – ‘सब कुछ निष्पक्ष था!’
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!परीक्षा पर उठे सवालों पर छात्रों का जवाब-उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हालिया परीक्षा को लेकर इन दिनों काफी चर्चा है। कुछ लोगों द्वारा परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी बीच, संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा छात्रसंघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है। छात्रों का स्पष्ट कहना है कि परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी और बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न हुई थी। वे चाहते हैं कि परीक्षा को लेकर फैलाई जा रही गलतफहमियों को दूर किया जाए और इस पर हो रही अनावश्यक अटकलों पर विराम लगे।
ज्ञापन में क्या है खास?-छात्रसंघ ने अपने ज्ञापन में साफ तौर पर कहा है कि परीक्षा के दौरान कोई भी अनुचित गतिविधि नहीं हुई। यह सच है कि परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद प्रश्नपत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, लेकिन छात्रों का दृढ़ विश्वास है कि इससे परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा। उनका यह भी मानना है कि कुछ तत्व इस मुद्दे को बेवजह तूल देकर एक नकारात्मक और भ्रामक माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि सही नहीं है।
छात्रों का आयोग पर अटूट विश्वास-छात्रों ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रति अपना पूरा भरोसा जताया है। उनका कहना है कि जिस तरह से आयोग ने पहले भी निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षाएं आयोजित की हैं, उसी तरह यह परीक्षा भी सफलतापूर्वक संपन्न हुई है। वे इस बात से चिंतित हैं कि कुछ लोग परीक्षा को रद्द करवाने के प्रयास में लगे हैं। उनका मानना है कि यदि ऐसा होता है, तो यह उन मेहनती छात्रों के साथ घोर अन्याय होगा जिन्होंने सालों से इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है।
परिणाम जल्द जारी करने की पुरजोर मांग-छात्रों ने सरकार से विनम्र अनुरोध किया है कि परीक्षा को रद्द करने के बजाय, इसके परिणाम जल्द से जल्द जारी किए जाएं। उनकी चिंता जायज है क्योंकि परीक्षा रद्द होने या परिणाम में देरी होने से हजारों परीक्षार्थियों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है। सभी छात्रों का एकमत है कि यदि परीक्षा वास्तव में निष्पक्ष रही है, तो परिणामों की घोषणा में कोई भी विलंब नहीं होना चाहिए, ताकि सभी का भविष्य सुरक्षित हो सके और उन्हें उनकी मेहनत का फल मिल सके।

