दिल्ली। देश के खेल मंत्री डाॅ. मनसुख मांडविया खिलाड़ियों का निरंतर उत्साहवर्धन कर रहे हैं और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलने से लगातार देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे है।
एक मसला ऐसा है जब केंद्रीय खेल मंत्री डाॅ. मनसुख मांडविया ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया, उस दौरान वे खिलाड़ियों से अभिभावक की तरह मुलाकात की और बातचीत की। इस दौरान खिलाड़ी भी उत्साह से भर गए। दरअसल, कठोर निर्णय के लिए माने जाने वाले डाॅ. मांडविया खिलाड़ियों के बीच भावुक हो जाते है और उनकी बातों को भी गंभीरता के साथ सुनते है। युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन के बाद भारत लौटे भारतीय पैरा-एथलेटिक्स दल के सदस्यों को सम्मानित किया। केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान एथलीटों, कोचों और सहायक स्टाफ को सम्मानित किया।
डॉ. मांडविया ने उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हुए कहा मुझे आज पैरालंपिक में पहली बार भाग लेने वाले छह एथलीटों से मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं दीप्ति को इस सम्मान कार्यक्रम में पहली बार पदक जीतने के लिए बधाई देता हूं। बाकी सभी को, मैं भविष्य के पैरालंपिक के लिए अपनी शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि आप भी पदक जीतेंगे। याद रखें, खेलना सिर्फ पदक जीतना भर नहीं है, आप में से प्रत्येक ने जीवन की चुनौतियों पर विजय प्राप्त की है और विजेता के रूप में उभरे हैं। आप सभी भारत के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। वहां उपस्थित लोगों में एथलीट दीप्ति जीवनजी, जिन्होंने पैरालंपिक में अपने पदार्पण पर महिलाओं की 400 मीटर टी20 श्रेणी में कांस्य पदक जीता, और उनके साथ पदार्पण करने वाले साथी एथलीट रवि रोंगाली (पुरुषों का शॉटपुट एफ40), राक्षिता राजू (महिलाओं का 1500 मीटर टी11), कंचन लखानी (महिलाओं का डिस्कस थ्रो एफ53), साक्षी कसाना (महिलाओं का डिस्कस थ्रो एफ55), और मनु (पुरुषों का शॉटपुट एफ37), और उनके कोच राहुल बालकृष्ण, सुरेश कुमार कुरुबा, सुनील लखानी, और एस्कॉर्ट शामिल थे।
दीप्ति की प्रतिभा को हैदराबाद में साई कोच एन रमेश ने पहचाना और दीप्ति ने 2019 में पैरा-एथलेटिक्स में अपनी यात्रा शुरू की। वह 2018 से खेलो इंडिया की एथलीट हैं और अब टॉप्स एथलीट हैं। कम समय में, उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की है, जिसमें एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक और 2024 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक शामिल है, जहां उन्होंने विश्व रिकॉर्ड भी तोड़ा। घरेलू स्तर पर, उन्होंने 2020 में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में दो पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई। सम्मान कार्यक्रम के बाद दीप्ति ने कहा, ष्मैं बहुत खुश हूं कि मैं देश के लिए पदक जीत सकी। मैंने अभी कांस्य पदक जीता है, लेकिन अगली बार मैं स्वर्ण पदक जीतने की कोशिश करूंगी। भारत ने 4 सितंबर, 2024 तक 5 स्वर्ण, 9 रजत और 10 कांस्य पदक सहित कुल 24 पदक जीते हैं।
थैंक यू रक्षिता बिटिया…
आज मेरे लिए बड़ा ही भावुक क्षण था जब मैंने जाना की पेरिस ओलंपिक विलेज में भी खेल मंत्री के लिए कुछ लेकर जाना है ऐसा आपने ध्यान रखा और मेरे लिए पेरिस से मेस्कोट लेकर आई।