
सुस्ती के बाद अब रफ्तार पकड़ेगा वाइन कारोबार: सुला वाइनयार्ड्स को FY26 में बड़ा उछाल मिलने की उम्मीद
भारत में वाइन का बढ़ता कारोबार: ग्रामीण से शहरी तक-भारत में वाइन का कारोबार तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, और ये सिर्फ़ शहरों तक ही सीमित नहीं रह गया है। गाँवों में भी वाइन की मांग बढ़ रही है, जिससे इस उद्योग में नई संभावनाएँ खुल रही हैं। सुला वाइनयार्ड्स की रिपोर्ट से पता चलता है कि भविष्य में इस उद्योग का और भी विकास होगा।
वित्त वर्ष 2024-25 की चुनौतियाँ-वित्त वर्ष 2024-25 में वाइन उद्योग को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा। चुनावों और बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव के कारण वाइन की मांग पर असर पड़ा। शहरों में बिक्री की रफ़्तार थोड़ी धीमी रही। लेकिन उम्मीद है कि अगले साल स्थिति बेहतर होगी।
देशभर में फ़ैल रहा वाइन कल्चर-सुला वाइनयार्ड्स के सीईओ, राजीव समंत के मुताबिक, वाइन पीने की आदत अब सिर्फ़ मुंबई और बेंगलुरु तक सीमित नहीं रही। महाराष्ट्र और कर्नाटक से बाहर भी कंपनी की बिक्री में 8% की सालाना बढ़ोतरी हुई है। 11 राज्यों में तो 10% से ज़्यादा बढ़ोतरी देखी गई है, जो इस बात का सबूत है कि वाइन का चलन पूरे देश में फ़ैल रहा है।
सबसे ज़्यादा कमाई-बाजार की चुनौतियों के बावजूद, सुला ने वित्त वर्ष 2025 में सबसे ज़्यादा कमाई की – 619.4 करोड़ रुपये। कंपनी भारत की सबसे बड़ी वाइन ब्रांड है और आने वाले तीन सालों में और ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने पर फ़ोकस कर रही है।
विस्तार की योजनाएँ-सुला वाइनयार्ड्स वाइन बनाने की अपनी क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है। वित्त वर्ष 2026 के अंत तक, कंपनी अपनी क्षमता को 19.2 मिलियन लीटर सालाना करने का लक्ष्य रख रही है। साथ ही, कंपनी नए बाजारों में प्रवेश करने और सीधे ग्राहकों तक पहुँचने (D2C) पर भी ध्यान दे रही है।
वाइन टूरिज्म का बढ़ता प्रभाव-सुला वाइनयार्ड्स को वाइन टूरिज्म से भी अच्छी कमाई हो रही है। वित्त वर्ष 2025 में, इस कारोबार में 10.2% की सालाना वृद्धि हुई और यह 60.3 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। सुला के रिसॉर्ट्स की भी अच्छी बुकिंग हो रही है, और एक नया रिसॉर्ट जल्द ही खोला जाएगा।
भारत में वाइन मार्केट की संभावनाएँ-भारत का वाइन मार्केट अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसमें बहुत बड़ी संभावनाएँ हैं। प्रति व्यक्ति वाइन की खपत अभी बहुत कम है, लेकिन बढ़ती आय, शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण वाइन की मांग तेज़ी से बढ़ेगी।
भविष्य की संभावनाएँ-सुला वाइनयार्ड्स का मानना है कि 2023 से 2028 के बीच भारत में वाइन उद्योग सालाना 15% की दर से बढ़ेगा। बढ़ती आय, शहरीकरण, और बदलती जीवनशैली से वाइन की खपत में बढ़ोतरी होगी।