
स्यानाचट्टी में यमुना का रौद्र रूप: एक नई झील का जन्म और बढ़ता खतरा!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उत्तरकाशी में मंडराया नया संकट-उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में, खासकर यमुनोत्री राजमार्ग पर स्थित स्यानाचट्टी कस्बे के पास, यमुना नदी ने अपना ऐसा रूप दिखाया है कि सब हैरान हैं। कुपड़ा खड्ड से आए भारी मलबा और पत्थरों ने नदी के प्रवाह को रोक दिया, जिससे एक विशाल अस्थायी झील का निर्माण हो गया है। यह झील अब करीब 500 मीटर लंबी और 300 मीटर चौड़ी हो चुकी है, और इसका बढ़ता जलस्तर आसपास के इलाकों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।
जब प्रकृति का कोप बरपा: डूबे मकान और होटल-इस अप्रत्याशित झील के कारण स्यानाचट्टी में हाहाकार मचा हुआ है। कई मकान, होटल, स्कूल और यहां तक कि पुल भी इस झील के पानी में समा गए हैं। पानी का तेज़ी से बढ़ना जारी है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। कई घरों और होटलों में पानी घुस चुका है, और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। यह स्थिति किसी ‘वॉटर बम’ के फटने से कम नहीं है, जो कभी भी तबाही मचा सकता है।
मुख्यमंत्री का एक्शन: राहत और बचाव के आदेश-स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज़ करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि किसी भी नागरिक की जान को कोई खतरा न हो। सभी परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश जारी किए गए हैं, और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
प्रशासन की मुस्तैदी: SDRF और NDRF भी मैदान में-जिला प्रशासन की टीमें लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं। SDRF और NDRF की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। अब तक लगभग 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। जिलाधिकारी स्वयं आपदा कंट्रोल रूम से हालात की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। झील से पानी निकालने के प्रयास भी जारी हैं, जिससे जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके।

