ताइवान में मची तबाही के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस दौरान दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था। भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।
ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।