98 की उम्र में दिखा 18 का जज्बा, डाक मतपत्र से वोट करके नोहरूराम की खिलीं बांछें
98 की उम्र में दिखा 18 का जज्बा, डाक मतपत्र से वोट करके नोहरूराम की खिलीं बांछें
उत्तर बस्तर कांकेर। अपने मताधिकार को लेकर सिर्फ साक्षर ही नहीं, निरक्षर मतदाता भी जागरूक हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 85 वर्ष से अधिक आयु वाले मतदाताओं के लिए डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की गई है, जिसके चलते बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की विशेष तौर पर सुविधा मिल रही है। आज से 16 अप्रैल तक मतदान दलों के द्वारा घर-घर जाकर ऐसे मतदाताओं से मतदान कराया जा रहा है। ऐसा ही एक वाकया जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 79 में ग्राम डोंगापारा में देखने को मिला, जहां 98 साल के वयोवृद्ध नोहरूराम मातलाम ने डाक मतपत्र के ज़रिए स्वस्थ लोकतंत्र स्थापित करने में अपनी भूमिका निभाई। उम्र के इस पड़ाव में भी वोट करने को लेकर उनका जज्बा देखते ही बन रहा था। 98 की आयु में भी 18 साल के वयस्क की मानिंद उनके चेहरे पर आत्मविश्वास और हर्ष स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा था। लोकसभा चुनाव में पहली बार अपने घर पर डाक मतपत्र से मतदान करने के बाद बहुत ही उत्साहित नजर आए। मतदान साथी के रूप में उनके बेटे श्री कंकाल राम मातलाम नें मतदान करने में सहयोग किया और बताया की उनके परिवार में कुल 12 सदस्य हैं, जिनमें 10 वोटर्स हैं और 02 अवयस्क हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सभी लोग एक साथ मतदान देने जाते थे लेकिन अभी अधिक उम्र होने के कारण उनके पिता मतदान केंद्र तक जाने में असमर्थ थे। इस बार चुनाव आयोग द्वारा होम वोटिंग सुविधा प्रदान की गई है जिसके चलते वह वोट कर पाए। मतदान केन्द्र तक जाने में असुविधा होने वालों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई होम वोटिंग सुविधा के लिए श्री नोहरू राम ने मुक्तकण्ठ से सराहना की।