रायपुर :राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह अस्पतालों, बाह्य रोगी क्लीनिकों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्थाओं में रोगी देखभाल में फार्मासिस्टों और फार्मेसी पेशेवरों की भूमिका को प्रोत्साहित और सम्मानित करता है।
कलिंगा विश्वविद्यालय में 63वें राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह 2024 का समापन स्वास्थ्य सेवा में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका पर एक सार्थक सत्र के साथ हुआ। 17 से 23 नवंबर तक आयोजित सप्ताह भर के इस समारोह की थीम थी “Think Health, Think Pharmacy”, जिसमें आकर्षक गतिविधियां, रचनात्मक प्रतियोगिताएं और ज्ञानवर्धक चर्चाएं शामिल थीं।
सिटी आई केयर हॉस्पिटल एवं रेटिना केयर, रायपुर के सहयोग से निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का भी आयोजन किया गया। नेत्र जांच शिविर में डॉ. मनीष कुमार मारकंडे (फार्मासिस्ट), डॉ. शहरयार खान, श्रीमती साक्षी शर्मा (ऑप्टोमेट्रिस्ट), सुश्री साहिना खान (ऑप्टम) संसाधन व्यक्ति थे। नेत्र जांच शिविर में कलिंगा विश्वविद्यालय के लगभग 118 छात्रों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
नेत्र जांच शिविर के साथ-साथ, मनोरंजक वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की गईं, जिसमें 45 से अधिक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वाद-विवाद प्रतियोगिता के विषय थे:
1. दवा वितरण में रोबोटिक्स
2. टेलीफार्मेसी/ई-फार्मेसी/ऑनलाइन फार्मेसी
3. स्व-चिकित्सा
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों, रोगियों और समुदायों के बीच जागरूकता, शिक्षा और सहयोग को बढ़ावा देकर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में फार्मासिस्टों की अमूल्य भूमिका को मान्यता देना और बढ़ावा देना था। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों ने न केवल विषय की गहरी समझ हासिल की, बल्कि फार्मेसी पेशे के प्रति उत्साह और रुचि भी विकसित की। इस कार्यक्रम ने वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में फार्मासिस्टों की भूमिका के प्रति गौरव की भावना को बढ़ावा दिया तथा विश्व भर में स्वस्थ समुदायों के निर्माण में उनके योगदान पर जोर दिया।
यह कार्यक्रम फार्मेसी संकाय के प्राचार्य डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया और इसका समन्वयन डॉ. इंदु लता कंवर, श्री प्रांजुल श्रीवास्तव, डॉ. संदीप कुमार मिश्रा और सुश्री खुशबू गुप्ता ने किया। आयोजन समिति के सदस्य श्री मृत्युंजय भांजा, श्री आयुष्मान रॉय, श्री स्मृति रंजन दाश, श्री नैमिष नंदा, सुश्री मोनिका विश्वकर्मा, सुश्री रश्मी शिना, डॉ रूपाली भारती साव, सुश्री सलोनी साव और सुश्री रश्मी पांडे थे।
Rajesh Vishwakarma