छत्तीसगढ़

बीजापुर सीमा पर मिली नक्सलियों की सुरंग और हथियार बनाने की फैक्टरी

सुकमा। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवानों ने सुकमा-बीजापुर जिले की सीमावर्ती क्षेत्र में तालपेरू नदी के किनारे पर नक्सलियों की बनाई गई सुरंग और फैक्टरी को बरामद किया है। इस सुरंग में नक्सलियों के हथियार बनाने के लिए डंप की गई सामग्री बरामद की गई। साथ ही अन्य विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद किए गए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने आज कहा कि यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा प्रहार था। जवानों ने नक्सलियों के कोर जोन में घुसकर उन्हें मार गिराया गया।मुठभेड़ के बाद चलाये गए सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबल के जवानों ने नक्सलियों का बंकर ढूढ़ा है और वहां पर उनकी हथियारों की फैक्टरी का पता चला है। इस ऑपरेशन के दौरान जवानों की ओर से बनाया गया एक वीडियो सामने आया है। बस्तर आईजी ने कहा कि लगातार हो रहे ऑपरेशनों के कारण माओवादी बैकफुट पर आ गए हैं। जवानों ने मौके पर इलाके से ही सर्चिंग में नक्सलियों की बनाई गई सुरंग के अंदर प्रवेश कर पूरी सुरंग की जांच पड़ताल की है। इसमें नक्सलियों के आईईडी बम बनाने के लिए उपयोग में आने वाली सामग्री बरामद की गई। नक्सलियों ने सुरंग में हथियार और विस्फोटक सामग्री छिपा रखी थी। सुरंग से जवानों ने विस्फोटक बनाने की मशीन, बिजली के तार, कांच की बोतलों से बने बम और भारी मात्रा में अन्य नक्सली सामग्री बरामद किया है। सुकमा डीआरजी के जवान जब सुरंग के भीतर टॉर्च की रोशनी में पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। सुरंग के भीतर पूरा का पूरा एक कमरा बना हुआ मिला। कमरे के भीतर कई तरह की लेथ मशीनें लगी हुई मिलीं। लेथ मशीनों के जरिए हथियार बनाने का यहां काम किया जा रहा था। सुरंग के भीतर से डीआरजी जवानों को कई हथियार और बम भी मिले हैं। सुरंग में कई बॉटल बम बनाकर रखे गए थे। हथियार और बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले सामान भी बरामद किए गए। जवानों ने सुरंग को पाट दिया है। बस‍तर आईजी ने बताया कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य की सीमा पर स्थित तीन जिलों की पुलिस ने लगभग 48 घंटे तक ऑपरेशन चलाया। पंद्रह जनवरी की रात तक जवान नक्सलियों के कोर इलाके में पहुंच गए थे। 16 जनवरी की सुबह करीब 8-9 बजे नक्सलियों से पहली मुठभेड़ हुई, जिसमें 2 नक्सली मारे गए थे। इसके बाद दिनभर रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। 16 तारीख को करीब 8-10 घंटे तक लगातार फायरिंग होती रही, लेकिन रात होने पर गोलीबारी रुक गई। अगले दिन, 17 जनवरी की सुबह से जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा और 12 नक्सलियों के शव बरामद किए। नक्सलियों के कोर इलाके में लगातार सुरक्षा बल के जवान सर्च अभियान चला रहे हैं। जिसकी वजह से नक्सली अपने लगातार ठिकाने बदल रहे हैं, साथ ही यह इन इलाकों मेसुरक्षा बल के जवानों का दबाव बढ़ने से अब नक्सलियों को इलाके में रहना भी मुश्किल हो गया है, इस परिस्थितियों के बीच जवानों को लगातार सफलता मिल रही है, इसलिए नक्सलियों के लिए अब यह इलाका सुरक्षित नहीं रहा है।

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