मध्यप्रदेश
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मप्र के जबलपुर से दो ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ब्रेनडेट व्यक्ति का हार्ट भोपाल और लिवर भेजा गया इंदौर

 जबलपुर । सड़क हादसे में घायल हुए सागर निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा (पटेल) के ब्रेनडेट घोषित होने के बाद गुरुवार को जबलपुर से दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए और उनके अंगों को इंदौर और भोपाल भेजा गया। हार्ट को भोपाल के एम्स भेजने के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज से डुमना एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रवाना किया गया है जबकि लिवर के लिए तिलवारा में हेलीपेड बनाकर हेलिकॉप्टर के जरिए लिवर को भी इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल भेजा गया है। इस अंगदान से दो लोगों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।

दरअसल, सागर निवासी 61 वर्षीय बलिराम कुशवाहा दो दिन पहले 21 जनवरी को सड़क हादसे में घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लाया गया था। यहां डॉक्टरों ने बलिराम को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया था। उनकी किडनी फेल होने के कारण इस्तेमाल नहीं की जा सकी, लेकिन हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लिए गए हैं। बलिराम के अंगों का अन्य मरीजों के लिए उपयोग हो सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए परिजन ने अंग दान करने की इच्छा जताई। आज जबलपुर के मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थापित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट को विमान से एम्स भोपाल भेजा गया जबकि लिवर को तिलवारा से हेलिकॉप्टर के जरिए इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल भेजा गया है।

डीसीपी ट्रैफिक संजय सिंह ने बताया कि भोपाल एयरपोर्ट से एम्स तक लगभग 21 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। जबलपुर से लाए ऑर्गन को एम्स में ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचाया गया। सुबह 8 बजे से हमारी तैयारी चल रही थी और लगभग 11:30 बजे ऑर्गन भोपाल पहुंचे। हमने केवल 11 मिनट में उन्हें एयरपोर्ट से एम्स तक पहुंचा दिया। एंबुलेंस समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाई थी, इसलिए पुलिस के वाहन से ही ऑर्गन को पहुंचाया गया। ग्रीन कॉरिडोर में लगभग 80 पुलिस जवान और अधिकारी तैनात थे।

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जबलपुर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि सागर के मरीज बलिराम कुशवाह का मंगलवार को रोड एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें मस्तिष्क में गंभीर चोटें आई थीं। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें जबलपुर के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल रेफर किया गया। बुधवार को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। ऐसे में परिजन ने अंगदान की इच्छा जाहिर की। इसके बाद यह पता लगाया गया कि अंगों की जरूरत कहां है। भोपाल एम्स में हार्ट ट्रांसप्लांट होना है। वहीं, चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर में एक मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है। इस प्रक्रिया के लिए रात भर तैयारी की गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

मृतक के भतीजे विजय पटेल ने बताया कि बलिराम कुशवाहा मूलतः सागर के रहने वाले थे। वे जबलपुर के सूरतलाई गांव में एक मंदिर की देखरेख का काम करते थे। गत 21 जनवरी की शाम करीब 7 बजे कटंगी रोड पर एक मोटरसाइकिल चालक ने रोड क्रॉस करते समय उनकी ट्राइसाइकिल को टक्कर मार दी। हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल लाया गया। ब्रेनडेड घोषित किए जाने के बाद डॉक्टरों से सलाह-मशविरा कर परिजन ने अंगदान का फैसला लिया। उन्होंने हार्ट, लिवर और किडनी दान करने की सहमति दी थी। हालांकि, किडनी ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण किडनी का ट्रांसप्लांट नहीं हो सका। भतीजे ने बताया कि बलिराम अविवाहित और दिव्यांग थे। परिवार में भाई, भतीजा और भाभी हैं। डॉक्टर की सलाह पर हमने उनके अंगदान किए हैं। हम सभी को अच्छा लग रहा है कि उनके अंगदान से दो लोगों को नई जिंदगी मिल जाएगी।

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