
पंजाब में बारिश का कहर: तीन जिंदगियां काल के गाल में समाईं-पंजाब इन दिनों मूसलाधार बारिश की चपेट में है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश ने हालात को बेहद गंभीर बना दिया है, और दुखद है कि अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। कई जगहों पर जलभराव के कारण लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में गुरदासपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ तेज बहाव वाले पानी में बह जाने से एक महिला की मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके में भय और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है, और लोग प्रशासन से तत्काल राहत और सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कुलविंदर कौर: एक दुखद अंत और गांव का दर्द-इस दर्दनाक हादसे का शिकार हुई महिला की पहचान 45 वर्षीय कुलविंदर कौर के रूप में हुई है, जो डेरा बाबा नानक के खोदे बेट गांव की निवासी थीं। भारी बारिश के कारण गांव की सड़कें और गलियां पानी से लबालब भर गई थीं, जिससे सामान्य जीवन पूरी तरह ठप पड़ गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ जगहों पर पानी का बहाव इतना तेज था कि ऐसे इलाकों से गुजरना मौत को दावत देने जैसा था। कुलविंदर कौर के साथ हुई यह दुखद घटना इसी खतरनाक स्थिति का परिणाम है, जिसने पूरे गांव को गहरे सदमे और दुख में डुबो दिया है।
गुरुद्वारे से लौटते समय हुआ हादसा-प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुलविंदर कौर अपने बड़े भाई के साथ गुरुद्वारे में माथा टेकने गई थीं। बारिश की वजह से उन्हें कुछ देर वहीं रुकना पड़ा। जब वे घर वापस जाने के लिए निकलीं, तो रास्ते में पानी का स्तर बढ़ जाने से स्थिति और भी विकट हो गई थी। पैरों के नीचे कीचड़ और फिसलन भरी जमीन के कारण चलना बेहद मुश्किल हो रहा था। इसी बीच, उनका पैर फिसल गया और वह सीधे पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में जा गिरीं, जिससे उनकी जान चली गई।
पानी के बहाव में बहीं, अस्पताल में तोड़ा दम-गड्ढे में भरे पानी के तेज बहाव के कारण कुलविंदर कौर के बचने की कोई उम्मीद नहीं बची थी। वह पानी के साथ कुछ दूर तक बह गईं। जब आसपास के लोगों ने उन्हें देखा, तो तुरंत उन्हें पानी से बाहर निकाला गया। सभी ने मिलकर उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, दुर्भाग्यवश, डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर से उनके परिवार और पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया।
ग्रामीण सुना रहे पूरी कहानी-गांव वालों ने बताया कि बारिश के कारण पानी का बहाव तेज होने की वजह से कुलविंदर कौर को गुरुद्वारे में रुकना पड़ा था। लेकिन जब उन्होंने घर जाने का फैसला किया, तो रास्ते में पैर फिसलने से यह भयानक हादसा हो गया। उनके भाई इस पूरी घटना के मूक दर्शक बनकर रह गए और कुछ भी नहीं कर पाए। ग्रामीणों का मानना है कि अगर प्रशासन ने पहले से ही उचित इंतजाम किए होते, तो शायद इस दुखद घटना को टाला जा सकता था।

