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चमोली में बादल फटने से तबाही: CM धामी ने दिए राहत-बचाव के सख्त निर्देश

 चमोली में प्रलय: सीएम धामी ने संभाली कमान, राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर!

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उत्तराखंड के चमोली जिले में कुदरत का कहर, कई गांव मलबे में दबे!-उत्तराखंड का चमोली जिला बुधवार की रात अचानक आई आफत से हिल गया। भारी बारिश के चलते बादल फटने की इस घटना ने कई गांवों में तबाही मचा दी। सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में आ गए। उन्होंने तुरंत आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन से हर छोटी-बड़ी जानकारी ली और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित इलाकों में युद्धस्तर पर राहत और बचाव का काम शुरू किया जाए। सीएम ने खास तौर पर इस बात पर जोर दिया कि जिन लोगों के घर इस आपदा में तबाह हो गए हैं, उन्हें रहने के लिए सुरक्षित जगह, समय पर भोजन और ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। साथ ही, बिजली-पानी की आपूर्ति जल्द से जल्द बहाल करने और टूटी सड़कों को ठीक करने का काम भी तेजी से किया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में हर प्रभावित परिवार के साथ खड़ी है और किसी को भी अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।

कुदरत का तांडव: गांव हुए तबाह, कई लोग लापता!-आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि चमोली जिले की नंदानगर तहसील के कुन्तरी लगाफाली, कुन्तरी लगा सरपाणी और धुर्मा जैसे गांवों में देर रात बादल फटने से भारी मात्रा में मलबा आ गया। इस मलबे ने कई घरों, गौशालाओं और अन्य इमारतों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, सिर्फ कुन्तरी लगाफाली गांव में ही करीब 15 से 20 घर मलबे में समा गए और लगभग 8 लोग लापता हो गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 3 लोगों, जिनमें दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल था, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। अब तक लगभग 150 से 200 ग्रामीणों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। जो लोग घायल हुए हैं, उनका इलाज नंदानगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया जा रहा है।

बचाव दल की डगर में रोड़े, खराब मौसम बनी बड़ी चुनौती!-इस आपदा के बाद, बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें तुरंत मौके पर भेजी गईं। लेकिन, लगातार हो रही भारी बारिश और जगह-जगह हो रहे भूस्खलन ने इन बचाव दलों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। कई सड़कें बंद होने के कारण बचाव दल के सदस्यों को पैदल ही गांवों तक पहुंचना पड़ रहा है। नंदानगर की एक और घटना में, सरपाणी गांव भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहाँ 2 लोग लापता बताए जा रहे हैं और 2 मकान मलबे में दब गए हैं। यहां भी पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक करीब 100 से ज्यादा ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि हर प्रभावित व्यक्ति को राहत शिविरों में भोजन, रहने की व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी।

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