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खेत पर बनी झोपड़ी में आग लगी, अंदर साे रहे दाे मासूम भाई जिंदा जले
पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शुक्रवार सुबह खेत पर बनी झोपड़ी में अचानक आग लगने से दो मासूम बच्चे जिंदा जल गए। घटना के समय माता-पिता, बच्चों को झाेपड़ी में सोता हुआ छोड़कर जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। वापस लौटे तो झोपड़ी राख बन चुकी थी।
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मासूमों की मौत के बाद परिवार में चीख-पुकार मच गई। घटना बृजपुर थाना क्षेत्र के इटवा खास इलाके की है। सूचना मिलते ही तहसीलदार और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। झोपड़ी में आग कैसे लगी? पुलिस की जांच के बाद ही कारण पता चलेगा।
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जानकारी अनुसार घटना बृजथाना क्षेत्र के इटवांखास गांव में शुक्रवार सुबह करीब 9.30 बजे की है। अमानगंज निवासी देसु आदिवासी (30) पत्नी और अपने दाे बच्चों के साथ बृजपुर थाना अंतर्गत इंटवाखास में ओमप्रकाश बाजपेई के खेत पर बटाई पर काम करता था।
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फसल की रखवाली के लिए खेत की मेड़ पर घास की झोपड़ी बनाकर रह रहा था। शुक्रवार सुबह वह दाेनाें बच्चाें अंकित आदिवासी उम्र-2 वर्ष और संदीप आदिवासी उम्र-3 वर्ष को झोपड़ी में सोता हुआ छोड़कर जंगल में लकड़ी बीनने चले गए थे। इसी दौरान झोपड़ी में सुबह करीब 9.30 बजे आग लग गई। धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया और दोनों मासूम भाई आग की चपेट में आ गए।
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जिंदा जलने से उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जंगल से जब पति-पत्नी लड़की लेकर लौटे तो झोपड़ी जलकर खाक मिली। पिता देसु जोर-जोर से चिल्लाने लगा। आवाज सुनकर आसपास खेत पर काम कर रहे लोग पहुंच गए। इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद नायब तहसीलदार शशिकांत दुबे पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा है। झोपड़ी में आग कैसे लगी, इस बारे में अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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पटवारी रघुनाथ बागरी ने बताया कि आज सुबह इतवांखास गांव में जमीन की रखवारी कर रहे देसु आदिवासी के दो बालक आग की चपेट में आ गए। दोनों मृत मिले हैं। नायाब तहसीलदार और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है, जांच चल रही है।
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इधर जब बच्चों के परिजन लकड़ी लेकर वापस झोपड़ी पहुंचे तो सामने का नजारा देख सदमे में चले गए। क्योंकि उनके दोनों बच्चे आग में जलकर खाक हो गए थे। वहीं आस-पास के लोगों ने तत्काल पुलिस को मामले की जानकारी दी। लेकिन जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक झोपड़ी एवं दोनों बच्चे जलकर खाक हो चुके थे। वहीं घटना के बाद से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
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