रायपुर। ऋषि चैतन्य ट्रस्ट द्वारा “अमृत वर्षा” कार्यक्रम का आयोजन रायपुर में होने जा रहा है। यह कार्यक्रम 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, ग्रेट ईस्टर्न रोड, साइंस कॉलेज के पास, आमानाका, रायपुर में आयोजित होगा। प्रतिदिन शाम 5 बजे से 7 बजे तक चलने वाले इस आयोजन में आध्यात्मिक ज्ञान और आत्मचिंतन के अनमोल मार्गदर्शन का अवसर मिलेगा।
अमृत वर्षा” का मुख्य उद्देश्य आत्मिक शांति, जीवन में ध्यान और संतुलन का महत्व समझाना है। इस आयोजन में परम पूज्या आनंदमूर्ति गुरुमाँ के प्रवचन होंगे, जो जीवन की गूढ़ समस्याओं का समाधान और आत्मज्ञान का मार्ग प्रशस्त करेंगे। यह आयोजन हर उम्र और वर्ग के लोगों के लिए एक दुर्लभ अवसर होगा, जहां वे अपने भीतर की शांति और चेतना को जागृत कर सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोग न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करेंगे, बल्कि आयोजन समिति से जुड़कर इस कार्यक्रम के उद्देश्यों को और गहराई से समझने का मौका भी मिलेगा।
हरियाणा राज्य के गन्नौर शहर में स्थित ऋषि चैतन्य आश्रम के अध्यक्ष परम पूज्या आनन्दमूर्ति गुरुमाँ एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु हैं जो लोगों को अपने जीवन में सुख और शांति प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं। गुरुमाँ की शिक्षाएं और संदेश लोगों के जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
गुरुमाँ ने लगभग 40 वर्षों से अपने अलौकिक ज्ञान के मोतियों को बाँटने के लिए देश-विदेश में यात्रा की है। उन्होंने अनेक ध्यान शिविरों, प्रज्ञावान प्रवचनों व आत्ममंथन की सरल विधियों के माध्यम से जीवन को एक नवीन आयाम दिया है। गुरुमाँ के सानिध्य में वेदांग, वेदांत व साधना के गूढ़ विषयों पर आश्रम में अध्ययन, गहन चिंतन व मनन भी निरंतर किया जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण, आधुनिक विचारधारा, क्रियाशीलता व रचनात्मकता के कारण गुरुमाँ युवाओं के अति प्रिय हैं। युवा शिविरों के माध्यम से गुरुमाँ ने युवाओं की व्यावहारिक समस्याओं पर चर्चा, उनके जीवन में धर्म का सुदृढ़ स्तम्भ स्थापित करना एवं उनकी सृजनात्मक प्रतिभाओं को उभारने का सदैव ही प्रयास किया है।
कर्तव्य निर्वाह के इसी उपक्रम में गुरुमाँ ने कन्याभ्रूण हत्या पर नियंत्रण एवं बालिका सशक्तिकरण के लिये वर्ष 1999 में ‘मिशन शक्ति ’की स्थापना कर अज्ञान से बालिकाओं को निवृत करने हेतु शिक्षा रूपी शस्त्र से सशक्त बनाया है। पिछले 22 वर्षों में मिशन शक्ति का यह नन्हा-सा पौधा आज लगभग 26 हजार जरूरतमंद बालिकाओं को 12वीं कक्षा तक की आर्थिक सहायता एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान कर एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है।
विलक्षण व्यक्तित्व को शब्दों में बांधना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है। ज्ञान की पराकाष्ठा आनन्दमूर्ति गुरुमाँ न केवल करुणा का मूर्त रूप हैं अपितु सम्पूर्णता की परिभाषा हैं।