Breaking : आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में फैसला, जानें आतिशी को क्यों बनाया दिल्ली का सीएम ?
नई दिल्ली । दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम पर अटकलें खत्म हो गई हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) ने आतिशी (Delhi CM Atishi) को विधायक दल का नेता चुना है. 17 सितंबर की सुबह से ही केजरीवाल के आवास पर पार्टी की बैठक चल रही थी. इस दौरान कई नाम सामने आए. ऐसा बताया गया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आतिशी का नाम आगे बढ़ाया था. केजरीवाल ने बैठक में आतिशी के नाम की घोषणा की और बाकी नेताओं ने उनका समर्थन किया.
आतिशी को क्यों बनाया दिल्ली मुख्यमंत्री ?
दिल्ली की शराब नीति के मामले में जब AAP नेताओं को जेल जाना पड़ा, तब आतिशी ने ही पार्टी की कमान संभाली थी. जानकार बताते हैं कि वो पार्टी को लेकर बेहद वफादार रही हैं. सिर्फ केजरीवाल ही नहीं बल्कि सिसोदिया के प्रति भी उनकी लॉयल्टी दिखी है. यहां तक की सिसोदिया जिस घर में रहते हैं, वो घर आतिशी के नाम पर अलॉटेट है.
केजरीवाल ने क्यों दिया इस्तीफा?
केजरीवाल एक्साइज पॉलीसी केस में तिहाड़ जेल में बंद थे. 13 सितंबर को वो जमानत पर रिहा हो गए. इसके बाद 15 सितंबर को उन्होंने दो दिनों में इस्तीफा देने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वो CM पद पर तब तक नहीं बैठेंगे, जब तक जनता अपना फैसला सुना दे. उन्होंने आगे कहा,
“आज से कुछ महीने बाद दिल्ली में चुनाव हैं. मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि अगर केजरीवाल ईमानदार है, तो मेरे पक्ष में वोट दे देना. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल गुनाहगार है, तो मुझे वोट मत देना.”
ऐसी चर्चा है कि केजरीवाल ये मैसेज देना चाहते हैं कि उन्हें पद या दौलत का लालच नहीं है. वो अपनी ईमानदार वाली छवि को और मजबूति देना चाहते हैं. हालांकि, जानकार इस बात से भी इनकार नहीं कर रहे कि ये रणनीति विधानसभा चुनावों को साधने की तैयारी है.
कौन हैं आतिशी?
8 जून 1981 को जन्मीं आतिशी के पिता प्रोफेसर विजय सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे. उनकी मां का नाम तृप्ता सिंह है. आतिशी ने 2015 से 2018 के दौरान दिल्ली के तत्कालिन डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार को तौर पर काम किया है. 2019 में उन्हें आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, जिसमें उनकी हार हुई. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से चुनाव में खड़ी हुईं और 11 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. मनीष सिसोदिया के कथित शराब घोटाले में जेल जाने के बाद उन्हें दिल्ली का शिक्षा मंत्री बनाया गया. पिछले कुछ समय से जब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत आप के तमाम बड़े नेता जेल में थे, तब आतिशी ही दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी का काम संभाल रही थीं और विपक्ष के हमलों का जवाब दे रही थीं.