
सरकार ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की प्राथमिकताएं तय कर ली हैं। इस दिशा में मुख्यत: पांच कदम उठाए जाएंगे, जिसमें प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण को रफ्तार देना, जनविश्वास विधेयक 2.0 के तहत कारोबार आसान बनाना, राज्यों को कारोबार सुधार कार्ययोजना पर अमल और डिजिटलीकरण के लिए प्रोत्साहन देना, डाटा प्रबंधन, क्षेत्रवार डाटाबेस तैयार करना और नई पेंशन योजना की समीक्षा करना शामिल है।
सरकार का कहना है, वित्त वर्ष 24-25 में 7.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि के अनुमान के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम देशों की तुलना में मजबूत स्थिति में है। इसे और रफ्तार देने के लिए बजट में रोजगार और निवेश बढ़ाने पर खासा जोर रहा। आर्थिक विकास के समग्र दृष्टिकोण के साथ सरकार आर्थिक नीति फ्रेमवर्क बनाएगी और अगली पीढ़ी के सुधारों के जरिये सतत उच्च विकास सुनिश्चित करेगी। सुधारों पर सफलता के साथ अमल के लिए केंद्र-राज्य सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सरकार का मानना है कि राज्यों के विकास से ही देश का विकास होगा।
पर्यटन के जरिये रोजगार व निवेश वृद्धि
अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए भारत को वैश्विक पर्यटन केंद्र के तौर पर स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इससे न केवल रोजगार और निवेश के मौके बढ़ेंगे बल्कि अन्य क्षेत्रों के लिए भी आर्थिक अवसर उत्पन्न होंगे। सरकार उत्पादकता में सुधार और बाजारों को अधिक कुशल बनाने के साथ कारोबार में आसानी को भी प्रोत्साहित करेगी।