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छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र : भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा सदन में गूंजा, नेता प्रतिपक्ष ने की CBI जांच की मांग
रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन आज बुधवार काे विपक्ष ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि यह बड़ी गड़बड़ी है कई लोग मिले हुए हैं। इसमें राजनीतिक दलों के लोगाें के भी मिले होने की आशंकाहैं, इसकी सीबीआई से जांच होने चाहिए। विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने आयुक्त से जांच करने का ऐलान किया। वहीं मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने बहिर्गमन किया।

विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी स्वीकार करते हुए कहा कि अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया. अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया। डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की गई है।इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाए। निलंबन ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं। मेरा निवेदन है कि मामले की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर लें।
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मामले की जांच आयुक्त से कराने का ऐलान किया। इसी बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच में कहीं हीलाहवाला नहीं किया जाएगा। कांग्रेस की सरकार ने तो सीबीआई को बैन किया था। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की।
भारतमाला परियोजना में जांच की मांग पर विपक्ष के हंगामे के बीच सत्तापक्ष के विधायक रिकेश सेन ने बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस को केंद्रीय एजेंसी पर कब से भरोसा हो गया, जो लोग सीबीआई को बैन करते हैं। ईडी पर भरोसा नहीं है. वह आज जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने शिकायत के आधार पर जांच के दायरे पर सवाल उठाया। मंत्री ने कहा कि आयुक्त से विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसके बाद भारतमाला परियोजना के गड़बड़ी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

