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छत्तीसगढ़ विधानसभा : विधायक अनुज शर्मा ने गौरी गणेश इस्पात पर उद्योग मंत्री का किया ध्यान आकर्षित

मंत्री ने कहा- प्लांट के गेट से स्कूल की पढ़ाई नहीं हो रही प्रभावित 

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के चाैथे दिन आज धरसींवा विधायक अनुज शर्मा अपने क्षेत्र के ग्राम मढ़ी में गौरी गणेश कंपनी द्वारा मुख्य द्वार के निर्माण को लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का ध्यान आकर्षित किया. मंत्री लखन लाल देवांगन ने जवाब में बताया कि संयंत्र का मुख्य द्वार की दूसरी दिशा में स्कूल का गेट है. खरोरा तहसीलदार ने राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर ग्रामीणों की आपत्ति को खारिज करने का आदेश पारित किया है।
विधायक अनुज शर्मा के प्रश्न के जवाब में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि तिल्दा विकासखंड के ग्राम-मढ़ी में गौरी गणेश इस्पात निर्माणाधीन है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी के निरीक्षण में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मढ़ी से इकाई के बाउण्ड्रीवाल की दूरी लगभग 200 मीटर और संयंत्र की दूरी लगभग 500 मीटर है।
पूर्व में मुख्य द्वार निर्माण पर ग्राम सभा की आपत्ति के बाद राजस्व निरीक्षक मण्डल बंगोली ने 19 फरवरी 2024 को हल्का पटवारी एवं ग्रामवासियों के साथ मौके का निरीक्षण किया था। संयंत्र के पूरे भाग के लंबाई एवं चौड़ाई को नापने पर पाया गया कि संयंत्र द्वारा मुख्य द्वार भूमिस्वामी हक की भूमि पर बनाया जा रहा है। शाला का गेट दूसरी दिशा में है। राजस्व निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर खरोरा तहसीलदार ने प्रकरण खारिज करने का आदेश पारित किया है।
उद्योग स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई का जिक्र करते हुए बताया कि 30 मार्च 2022 को ग्राम मढ़ी में आयोजित की गई थी, जिसके बाद पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 10 फरवरी 2023 को इकाई स्थापना के लिए सहमति दिया। इसके बाद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल ने 11 अक्टूबर 2023 को स्थापना सम्मति (सीटीई) और संचालन सम्मति (सीटीओ) 6 जनवरी 2025 को जारी किया था।
मंत्री देवांगन ने बताया कि इकाई के स्पंज आयरन प्रभाग में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु ई.एस.पी. 79 मीटर की चिमनी में स्थापित किया गया है, तथा पावर प्लांट में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु ईएसपी 42 मीटर की चिमनी में स्थापित किया गया है। फ्यूजिटिव डस्ट के नियंत्रण के लिए वाटर टैंकरों के माध्यम से जल छिड़काव की व्यवस्था की गई है। इसके साथ उद्योग की ओर से 23 एकड़ भूमि में लगभग 15000 नग वृक्षारोपण किया गया है. इसके अलावा दूषित जल के उपचार हेतु वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तथा सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है।

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