छत्तीसगढ़
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वनमंत्री  कश्यप राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की 59वीं जनरल काउंसिल की बैठक में हुए शामिल

मुख्यमंत्री साय के प्रतिनिधि के रूप में बैठक में हुए शामिल, सरकार के विजन को लेकर दिया रिपोर्ट

बस्तर सहित पुरे प्रदेश में शिक्षा और स्वलम्बन पर जोर – केदार कश्यप

शिक्षा के माध्यम से बदल रहा है बस्तर की दिशा और दशा – केदार कश्यप

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री  केदार कश्यप नई दिल्ली में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की 59वीं जनरल काउंसिल की बैठक में उनके प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में शिक्षा को बेहतर बनाने से संबंधित कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा सचिव  सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी उपस्थित थे। दिल्ली में आयोजित बैठक को लेकर उन्होंने आज रायपुर मुख्यालय में चर्चा के दौरान बताया कि बस्तर क्षेत्र में स्कूल शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा को जिले में विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाया गया है। जिले में कई स्कूल संचालित हैं, जिनमें सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और हमारा बस्तर क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। बस्तर के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जिला के कई इलाकों में ड्रॉपआउट दर में कमी आयी है। जो विद्यार्थी किसी कारणवस स्कूल छोड़ दिए थे उन्हें हमारी विष्णुदेव साय सरकार अभियान चलाकर पुनः स्कूल प्रवेश कराने का कार्य कर रही है। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।

मंत्री कश्यप ने बताया कि हमारी सरकार ने ड्रॉपआउट दर में कमी लाने के लिए पोर्टा केबिन की शुरुआत, केजी से पीजी तक मुक्त आवासीय शिक्षा के लिए शिक्षा नगरी की स्थापना की, छू-लो आसमान, लक्ष्य जैसी पहलों के माध्यम से आदिवासी युवाओं को अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल, जवाहर नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय जैसे स्कूलों की शुरुआत की गई है। ऐसे बहुत से कार्य हमारी सरकार कर रही है जिसके माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। स्मार्ट क्लासेस और नवाचार के माध्यम से विचारों में बदलाव वनमंत्री केदार कश्यप ने बताया की आधुनिक दौर में आधुनिक और तकनिकी ज्ञान आवश्यक है इस दृष्टी से भी हमारी सरकार स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस, टिंकलिंग लैब्स और वर्चुअल शिक्षा जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने के लिए नवाचार किए जा रहे हैं। स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से विज्ञान के प्रयोग और अन्य विषयों को समझाने बताने के तरीकों में भी बदलाव आया है।

शिक्षक-छात्र संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयास मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हमारे समय में शिक्षक और एक विद्यार्थी के मध्य सम्बन्ध अभिभावक का था। आज बदलते दौर में बुन्यादी शिष्टाचार समाप्त हो रहा है। ऐसे विषयों पर भी हमारी सरकार चिंतन कर रही है। इसलिए साय सरकार ने शिक्षकों और छात्रों के मध्य बेहतर संवाद और सामंजस्य के लिये स्कूल में छोटे छोटे कार्यक्रम, काउंसलिंग प्रोग्राम कराने के निर्देश दिये हैं। मंत्री ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करना सभी बच्चों का अधिकार है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी शारीरिक बाधा के कारण कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। जिससे वे मुख्यधारा की शिक्षा से सहज रूप से जुड़ सकेंगे। ऐसे विशेष बच्चों के लिये भी सरकार पहल कर रही है। शिक्षा से स्वालम्बन की दिशा में साय सरकार मंत्री कश्यप ने कहा की वर्तमान समय में रोजगार उनमुखी शिक्षा की आवश्यकता है। इसलिए साय सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से पुरे प्रदेश में रोजगार उनमुखी शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। शिक्षा के साथ हमारे प्रदेश के युवा पीढ़ी स्व रोजगार हो यह सरकार का विजन है। मंत्री कश्यप ने कहा कि शिक्षा और स्वरोजगार के बीच एक गहरा संबंध है। शिक्षा व्यक्ति को कौशल और ज्ञान प्रदान करती है, जिससे वे स्वरोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। शिक्षा व्यक्ति को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित करती है। विष्णुदेव सरकार का विजन यही है शिक्षा के माध्यम से छात्रों का समुचित विकास हो।

 

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