
कठुआ में आफत: बादल फटा, चार जिंदगियां लील लीं, पूरा इलाका सहम गया!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जोध घाटी में तबाही का मंजर: कैसे पल भर में बदल गई जिंदगी?-जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत लेकिन पहाड़ी इलाके, कठुआ में एक ऐसी भयानक घटना घटी जिसने सबको झकझोर कर रख दिया। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात, जब लोग सुकून की नींद सो रहे थे, तभी राजबाग इलाके के जोध घाटी गांव पर कुदरत का कहर टूटा। अचानक बादल फट गया और देखते ही देखते बाढ़ का पानी गांव में घुस गया। यह इतना अप्रत्याशित था कि लोग संभल पाते, उससे पहले ही तबाही का मंजर सामने था। इस अचानक आई विपदा में चार बेगुनाह लोगों की जान चली गई, जबकि छह लोगों को मुश्किल से बचाया जा सका। पूरा गांव पानी और कीचड़ की चपेट में आ गया, घरों को नुकसान पहुंचा, जमीनें बह गईं और रास्ते भी बंद हो गए। लोगों में दहशत का माहौल है, और वे समझ नहीं पा रहे कि इस विपदा से कैसे उबरें। प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि पहाड़ी इलाकों में प्रकृति का रौद्र रूप कितना खतरनाक हो सकता है और कैसे एक पल में सब कुछ छिन सकता है।
मुख्यमंत्री का गहरा दुख: पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा-इस दुखद घटना की खबर मिलते ही जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के साथ उनकी पूरी संवेदना है और वे इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़े हैं। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और यह आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। उनके कार्यालय से जारी एक बयान में बताया गया कि कठुआ के जोध खड्ड और जुथाना जैसे इलाकों में बादल फटने और भूस्खलन के कारण भारी तबाही हुई है। इस वजह से न सिर्फ चार लोगों की जान गई, बल्कि कई लोग घायल भी हुए हैं और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जाए ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में कुछ सहारा मिल सके। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी पीड़ित को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा और हर स्तर पर सहायता प्रदान की जाएगी।
तत्काल राहत और बचाव के आदेश: प्रशासन हरकत में, लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता-मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रशासन को साफ और कड़े निर्देश दिए हैं कि प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत, बचाव और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों की जान-माल की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी परिवार को मदद के बिना नहीं छोड़ा जा सकता। इसी के चलते, बचाव दलों को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया है और वे फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, नुकसान का सही आकलन करने के लिए भी टीमें जुटी हुई हैं, ताकि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और सहायता मिल सके। स्थानीय लोग भी इस बचाव कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिससे बचाव टीमों को काफी मदद मिल रही है। सरकार ने यह भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इन इलाकों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

